बिहार के 5 जिलों में 1 मई से बालू का खनन बंद है। बालू खनन में लगी कंपनी ने माफियाओं के आतंक की वजह से पटना समेत 5 जिलों में खनन कार्य बंद कर दिया है। खनन कार्य बंद होने से सरकार को हर महीने करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लग रहा है। सरकारी स्तर पर भले ही खनन का कार्य बंद है लेकिन बालू माफिया खुल्लम-खुल्ला खनन कर करोड़ो रु कमा रहे हैं। इस अवैध धंधे में पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आई है। तभी तो बालू खनन होता है और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है।
अवैध खनन पर प्रधान सचिव ने DGP को लिखा था पत्र
सरकार भी यह समझ रही है कि पुलिस की मिलीभगत से बालू का खनन जारी है। तभी तो खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव ने 17 मई को ही बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा था। DGP को लिखे पत्र में खनन एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव हरजोत कौर ने साफ कहा था कि लगातार अवैध खनन की शिकायत मिल रही है। मीडिया में भी अवैध खनन में पुलिस कर्मियों की मिलीभगत की बात प्रकाशित की जा रही है । कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें यह पता चल रहा कि पुलिस वाले माफियाओं से मिल खनन करवा रहे हैं। प्रधान सचिव ने DGP से कहा कि वैसे पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करें जो बालू के अवैध खनन में लिप्त हैं। खान- भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव के इस पत्र के बाद बिहार में बवाल मच गया था। पुलिस एक बार फिर से कटघरे में खड़े हो गयी थी। इसके बाद DGP की तरफ से सफाई आई और बताया गया कि पुलिस लगातार अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई भी कर रही है। एक-दो दिनों तक अवैध बालू खनन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई। कई वाहन जब्त हुए। इसके बाद भी खनन का कार्य नहीं रुका। मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने भी 5 जिलों के डीएम एसपी के साथ वर्चुअल मीटिंग में स्पष्ट निर्देश दिया कि बालू के अवैध खनन का कार्य पर रोक लगाएं।
5 जिलों में बंद है बालू खनन
पटना समेत औरंगाबाद,भोजपुर,सारण में बालू खनन बंद है। लेकिन रात के अँधेरे में सोन नदी से बड़ी-बड़ी मशीनों से बालू का खनन जारी है। इसकी पोल उस समय खुली, जब पटना जिले में बिहटा सोन नदी के किनारे रात में बालू खनन कर अहले सुबह लौट रहे पोकलेन मशीन ने एक शख्श को कुचल दिया। इसके बाद भांडा फुट गया। स्थानीय लोगों ने बालू खनन की पोल खोल दी। लोगो ने साफ साफ कहा कि रात में बालू का खनन किया जा रहा है।