बिहार में पंचायत चुनाव का लगभग बिगुल बच ही चुका था कि कोरोना ने उसपर पानी फेर दिया । लेकिन वो कहते हैं न जो होता है अच्छे के लिये होता है । इस बार भी वही हुआ है । वर्तमान में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन के कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की उदासीनता है । सरकार को सहयोग नहीं मिल रहा है । इस वजह से सरकार नियम बनाने वाली है कि जो भी कैंडिडेट टीका नहीं लगवाएंगें वो इस बार चुनाव में खड़े नही हो पाएंगे ।
इसके निये अब राज्य निर्वाचन आयोग को बस दिशानिर्देश जारी करना है। नई खबर यह है कि चुनाव लड़ने के लिए कोरोनावा वैक्सीन की अनिवार्यता को पंचायती राज एक्ट में संशोधन के जरिए जोड़ा जा सकता है। और आने वाले दिनों में इसे काननू की तरह इस्तेमाल भी किया जा सकता है । कुल मिलाकर बात ये हुई कि अगर आपके पास वैक्सीन का सर्टिफिकेट नहीं है तो आप चुनाव में उम्मीदवारी नहीं दे पाएंगे ।
खबर आ रही है कि बिहार में सितंबर अक्टूबर महीने में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं । ऐसे में जनप्रतिनिधि जो इस बार पंचायत चुनाव की तैयारी में लगे हैं उन्हें कोरोना का टीका अनिवार्य रूप से लेना पड़ेगा साथ ही साथ वैक्सीन का सर्टिफिकेट भी जमा करना पड़ सकता है ।