पिछले साल पटना में आई बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया था । ये बाढ़ गंगा के उफान के कारण नहीं अपितु शहर के नालों की ठीक समय पर उड़ाही और संप हाउस के बंद पड़े रहने के कारण हुआ था । पटना के अलावा भी बिहार के ऐसे कई शहर है जो हल्की सी बारिश में भी जलमग्न हो जाता है । नप के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठकर इसका ठीकरा पीडब्लयूडी या अन्य किसी विभाग पर फोड़ देते हैं । लेकिन जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं करते ।
लेकिन इस बार अलग होने वाला है । नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा शहर के नारकीय हालात से नाराज हैं। सड़कों पर जमा कचरे का निष्पादन नहीं होने और नालियों की उड़ाही में उदासीनता बरते जाने पर निगम के अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए चार दिनों का अल्टीमेटम दिया। उसके बाद शहर जलजमाव एवं कचरे से मुक्त नहीं हुआ तो निगम के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि मानसून में निकासी बाधित होने से शहर में जलजमाव हुआ तो इसके लिए निगम के अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जलजमाव से निजात के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है। ऐसे में निगम द्वारा उचित कदम नहीं उठाए गए तो दोषी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
चुनावी साल चल रहा है ऐसे में लोगों को सुविधा पहुँचाना सिर्फ सरकार चलाने के लिये जरूरी नहीं है अपितु वोट लेने के लिये भी उतना ही जरूरी है । बीते दिनों सीएम नीतीश ने बिजली विभाग के लिये भी फरमान जारी करते हुए कहा था कि एक सेंकेंड के लिये बिजली नहीं जानी चाहिये ।