आरएलएसपी सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कोटा कांड को लेकर हमलावर हो गये हैं। उन्होनें नीतीश कुमार को पलटीमार की संज्ञा से भी नवाजा है। कुशवाहा ने कहा कि अपने चहेते जिलाधिकारियों को बचाने के लिए एसडीओ और ड्राइवर पर कार्रवाई कर चुप्पी साध ली।
उपेन्द्र कुशवाहा ने फर्स्ट बिहार की खबर को अधार बना कर ट्वीट करते हुए लिखा है कि नीतीश कुमार जी,आप इकलौते CM हैं जिसने #COVID संकट में कोटा से आम बच्चों को न लाने की जिद्द की, खास बच्चों के लिए पास बनवाये, भद्द पिटी तो बेचारा चालक व SDO सस्पेंड, चहेते DMs के विरुद्ध कार्रवाई नहीं और अब चुप्पी ! कितनी पलटी मारियेगा सर ?
मा. CM श्री @NitishKumar जी,
आप एकलौता CM हैं जिसने #COVID संकट में कोटा से आम बच्चों को न लाने की जिद्द की, खास बच्चों के लिए पास बनवाये, भद्द पिटी तो बेचारा चालक व SDO सस्पेंड, चहेते DMs के विरुद्ध कार्रवाई नहीं और अब चुप्पी !
कितनी पलटी मारियेगा सर ?#बदहालबिहार_नीतीशकुमार pic.twitter.com/Owz6t6y9Y0
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) April 22, 2020
उपेन्द्र कुशवाहा ने आरोप लगाया है कि कोटा में फंसे विधायक अनिल कुमार को पास जारी करने वाले नवादा के SDM को सस्पेंड करने वाली नीतीश कुमार की सरकार ने अपने एक दर्जन से ज्यादा DM और चहेते अधिकारियों को बचा लिया है। बिहार के एक दर्जन से ज्यादा डीएम और एसडीएम ने लोगों को कोटा आने जाने का पास निर्गत किया। लेकिन सारे अधिकारी सरकार के खास है लिहाजा कार्रवाई के बदले चुप्पी साध ली गयी है।
बता दें कि बिहार में अभी कोरोना महामारी एक्ट लागू है। इसके तहत किसी भी तरह की बंदिश और छूट देने का अधिकार सिर्फ डीएम को है। लेकिन ज्यादातर जिलों के डीएम ने छोटे अधिकारियों को पास जारी करने का अधिकार दे दिया है। सरकारी कानून साफ साफ कहता है कि डीएम की मंजूरी के बाद ही कोई भी अधिकारी अंतर्राज्यीय पास जारी कर सकता है। लिहाजा अगर पास जारी होता है तो उसके लिए पहली जिम्मेवारी डीएम की ही बनती है।
वहीं रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा कल 23 अप्रैल अपराहन 3:00 बजे फेसबुक लाइव के माध्यम से कोरोना वारियर्स, आम जनों, मीडिया और रालोसपा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे।