पटना के घरों का पानी भले ही सूख गया हो लेकिन गंगा का पानी अभी भी उफान पर है । जहाँ पानी थोड़ा बहुत कम है वहाँ का इलाका घुटने भर कीचड़ से सराबोर है । ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती है कीचड़ और जल- जमाव के बीच छठ पुजा की तैयारी । इसके कारण प्रशासन घाटों पर जमा कीचड़ और गंदे पानी के सूखने का इंतजार कर रहा है । आखिर सवाल भी उठता है कि इसके अलावा और उपाय भी क्या है। इसको लेकर अधिकारियों की टीम 19 अक्टूबर को स्थल निरीक्षण करेगी । वहीँ कुल 91 घाटों को लेकर सभी 21 सेक्टर प्रभारी डीएम को रिपोर्ट करेंगे ।
छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ 31 अक्तूबर से शुरू हो रही है। एक नवंबर को खरना और दो को पहला अर्घ्य होगा। तीन नवंबर को अंतिम अर्घ्य के साथ पूजा समाप्त हो जायेगी। लेकिन घाटों को तैयार करने के लिए प्रशासन को बहुत ज्यादा समय नहीं मिलने वाला है। मुश्किल से 10 दिनों में सभी घाटों को तैयार करना होगा। जबकि घाटों पर वाच टावर, अतिरिक्त सीसीटीवी, संपर्क पथ निर्माण समेत अन्य कार्य करने हैं।
इन घाटों पर होगी ख़ास तैयारी :
कलेक्ट्रेट घाट, एलसीटी घाट और महेंद्रू घाट शामिल हैं। इन घाटों पर काफी भीड़ होती है, इसलिए यहां पर खास तैयारी होनी है।
ऐसे तैयार होंगे छठ घाट
सफाई होनी है। खतरनाक घाटों को चिह्नित कर लाल कपड़ा लगाया जाना है। घाट पर सुविधाओं की रूप-रेखा, वित्तीय लागत एवं मॉनीटरिंग के लिए सेक्टर प्रभारियों को निर्देश दिया गया है। सेक्टर प्रभारी के साथ जल संसाधन विभाग की टीम को भी लगाया गया है।
बता दें कि छट बिहार का सबसे बड़े आस्था का लोकपर्व है । पुरे विश्व में यह पहला त्योहार है जिसमें अस्ताचलगामी सुर्य को पहले अर्घ्य दिया जाता है ।