कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण जहां विश्वभर के लिए आफत बन कर आया है, वहीं बिहार के छपरा का एक परिवार ऐसा भी है जिसके लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है। छपरा में पिछले सात साल से लापता हुए एक व्यक्ति को उसके परिवार से मिलने का मौका मिला है। कोरोना के चलते उत्तर प्रदेश में फंसा पैगा मित्रसेन गांव का यह शख्स 7 साल बाद अपने परिवार के पास लौटा सका है। जानकारी के अनुसार, गांव के बाबूलाल दास का बेटा अजय कुमार सात साल पहले अचानक लापता हो गया था। परिवार ने ढूंढ़ने की काफी कोशिश की लेकिन जब तीन साल तक उसका कुछ पता नहीं चला तो परिवार ने उसे मृत मान लिया और तलाश बंद कर दी।
फिर एक दिन अचानक लौटा
नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूपी पुलिस अचानक सोमवार को एक युवक को लेकर भेल्दी थाना पहुंची। वहां से जानकारी मिली कि अजय पैगा मित्रसेन गांव का है। फिर अजय को लेकर पुलिस पैगा पहुंची। अजय को सात साल बाद घर की दहलीज पर देख कर उसके मां बाप की खुशी का ठिकाना नहीं था। जिस बेटे को पिछले चार साल से वे मृत मान रहे थे वे जिंदा खड़ा था। पुलिस ने बताया कि घर से लापता होने के बाद अजय भटकता हुआ बाराबंकी पहुंच गया था और यहां पर एक आपराधिक मामले में उसे जेल हो गई थी।
कोरोना के चलते छूटा
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद जब कोर्ट ने कुछ कैदियों को पैरोल पर रिका किया तो उस सूची में अजय कुमार का भी नाम था। ऐसे में जेल से छूटने के बाद यूपी पुलिस उसे लेकर सीधे छपरा पहुंची और उसे परिवार से मिला दिया। अब उसके परिवार के साथ ही गांव की भी खुशी का ठिकाना नहीं है। अब ग्रामीणों का कहना कि यदि कोरोना नहीं होता तो शायद अयज कभी भी लौट कर नहीं आता। उसका कारण है कि बाराबंकी में अजय की जमानत करवाने वाला कोई नहीं था और उसके परिवार व किसी अन्य को भी उसके वहां होने की कोई जानकारी नहीं थी।
Input : News18