बिहार में सरकारी डॉक्टरों अब निजी स्तर पर प्रैक्टीस नहीं कर पाएंगे । सरकार ने फरमान जारी किया है । ऐसा करने वाले डॉक्डरों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा । सरकार ने बकायदा इसके लिये नोटिस जारी कर दी है ।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मरीजों व परिजनों को बरगलाकर दलालों द्वारा निजी अस्पतालों में पहुंचाने की शिकायत सरकार के संज्ञान में है। यह गंभीर मामला है। इसके लिए विभाग के प्रधान सचिव ने निर्देश भी दिया है। बिना पासधारी व्यक्ति के अस्पताल परिसर में प्रवेश पर रोक है।
अधीक्षकों को निर्देश है कि परिसर में इससे संबंधित सूचना पट्ट लगाना है। चिकित्सकों व कर्मियों को विशिष्ट पहचान के लिए नेम प्लेट के साथ ड्रेस कोड भी है। आईजीआईएमएस में कार्यरत चिकित्सक यदि निजी प्रैक्टिस करते हैं तो निदेशक को कार्रवाई के लिए कहा गया है। दलालों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी अस्पताल अधीक्षक की है। मंगलवार को वे दिलीप राय के ध्यानाकर्षण का जवाब दे रहे थे।
परिसर में 10 मिनट ही रुक सकती हैं प्राइवेट एंबुलेंस
मंत्री ने कहा कि संदिग्ध व्यक्ति और दलालों को पकड़ने के लिए इमरजेंसी और ओपीडी में सीसीटीवी कैमरा निगरानी के लिए लगाए गए हैं। पीएमसीएच में टीओपी (थाना) के गार्ड अनधिकृत व्यक्तियों की पहचान भी करते हैं। पीएमसीएच परिसर में इमरजेंसी के आसपास किसी भी प्राइवेट एंबुलेंस को मरीज छोड़ने और ले जाने के लिए 10 मिनट से ज्यादा नहीं रूकने दिया जाता है। यहां चिकित्सकों व कर्मियों को कार एवं मोटरसाइकिल के लिए अलग-अलग वाहन पास दिया जाता है। आईजीआईएमएस में भी नियमित औचक निरीक्षण किया जाता है।