बिहार के हर जिले में छोटे उद्योग खोले जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. अबतक सभी 38 जिलों में 189 छोटे उद्योग चिन्हित हो चुके हैं. इन्हें जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना के तहत खोला जा रहा है. इसके लिए सरकार ने सभी जिलों को 50-50 लाख रुपए दिए थे.
आपको बता दें कि बेगूसराय और कैमूर में तो चार जगह काम शुरू होने का दावा भी उद्योग विभाग ने किया है. इन सभी छोटे उद्योगों में प्रवासी श्रमिकों का समूह बनाकर उन्हें रोजगार दिया जा रहा है. हर एक समूह पर 10 लाख रुपए खर्च किए जाने हैं.
जिला स्तर पर प्रवासी श्रमिकों या कुशल कारीगरों के समूह बनाए गए हैं जो एक ही सेक्टर से जुड़े हों. कई जगह इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इन समूहों का पंजीकरण कराया जा रहा है. हर समूह में कम से कम 10 लोग होंगे. हर समूह पर 10 लाख खर्च किए जाने हैं तो इस लिहाज से हर जिले में पांच समूह बनाए गए हैं. यानि पांच-पांच उद्योग हर जिले में स्थापित हो रहे हैं. वहीं पश्चिम चंपारण में ऐसे उद्योगों की संख्या 6 है.
इन समूहों के लिए सिलाई केंद्र, पेपर ब्लॉक उपकरण, हस्तकरघा बुनाई केंद्र, बढ़ईिगरी केंद्र, मशरूम प्रसंस्करण केंद्र, शहद निर्माण, बेकरी, स्टील फर्नीचर, खेल का सामान, जैकेट और बैग निर्माण, बांस उत्पादों पर आधारित उद्योग, लाउंड्री, लकड़ी का फर्नीचर, रेडीमेड गारमेंट, पेवर ब्लॉक, जरी का कार्य, इम्ब्राइडरी, अचार निर्माण, हैंडीक्रॉफ्ट, बनाना फाइबर, फुटवियर, पीवीसी बोर्ड, अगरबत्ती निर्माण आदि उद्योग खोले जा रहे हैं. जाहिर सी बात है कि इन सभी के शुरू होते ही हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.