बिहार में कानून के राज के दावों की पोल खोलने वाली एक और तस्वीर गया से सामने आयी है. गया के जेडीयू के सांसद को थानेदार की करतूतों के खिलाफ थाने में धरना देना पड़ा. सांसद के समर्थन में एक विधायक भी धरना पर बैठ गयी. सांसद के धरने के बाद डीजीपी को कार्रवाई का आश्वासन देना पड़ा. जाहिर है एसपी ने कार्रवाई का भरोसा तक नहीं दिलाया.
धरना पर बैठ गये सांसद विजय कुमार
दरअसल गया के सांसद विजय कुमार बाराचट्टी के थानेदार के रवैये से त्रस्त हो गये थे. लिहाजा सांसद विजय कुमार अपने समर्थकों के साथ शनिवार को थाना परिसर में ही धरना पर बैठ गए. सांसद विजय कुमार ने कहा कि बाराचट्टी थानाध्यक्ष कुमार सौरभ की करतूत हद को पार कर गयी है. हद तो ये है कि थानेदार एमपी का भी फोन रिसीव नहीं करते. सांसद ने बताया कि शनिवार सुबह से वे अपने और समर्थकों के मोबाइल से कई बार फोन करते रहे, लेकिन रिसीव नहीं किया. सांसद का आरोप था कि थाने में सिर्फ माफियाओं की बात सुनी जाती है.
थाने में सांसद के धरने की खबर फैलते ही आरजेडी विधायक समता देवी सहित कई पंचायतों के मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य एवं दूसरे जनजनप्रतिनिधि भी उनके समर्थन में धरना पर बैठ गए. तमाम लोग थाना परिसर में घटों धरना पर बैठे रहे. बाराचट्टी की विधायक समता देवी ने भी थानाध्यक्ष पर माफियाओं से सांठगांठ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जनता समस्या लेकर थाना पहुंचती है तो थानेदार बात तक नहीं सुनते.
थाने में सांसद और विधायक समेत तमाम जनप्रतिनिधियों के धरना की खबर मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन फानन में शेरघाटी डीएसपी रवीश कुमार, एसडीओ उपेंद्र पंडित पहुंचे. लेकिन एसपी ने कोई नोटिस नहीं लिया. थाने पहुंचे DSP ने डीजीपी गुप्तेश्वर पाडे से मोबाइल पर सासद की बात कराई. डीजीपी ने कहा कि वे खुद मामले को देखेंगे और सही कार्रवाई करेंगे. इसके बाद धरना खत्म हुआ.