नीतीश कुमार ने अपने तीसरे मुख्यमंत्रीत्व काल में जिन दो कामों को प्राथमिकता दी है वो हैं हर घर नाली और नल का पानी पहुँचाना । लेकिन तस्वीर कुछ और ही कह रही है । यह तस्वीर सहरसा जिले के मंगवार बाजार की है । पानी में तैरता सुशासन इस बात को चीख-चीख कर कह रहा है कि विकास अभी तक यहाँ नहीं पहुँचा है ।
यह बाजार लगभग 10 से 15 गांव के लोग रोजाना मार्केटिंग करने के लिए आते हैं । लेकिन वर्तमान हालत देखकर आपके सामने हैं । यह सड़क नदी बन गया है जो रोज-रोज दुर्घटनाओं को आमंत्रित करता रहता है ।
गांव के लोगों को होने वाली समस्याओं पर जनप्रतिनिधि का कोई भी ध्यान नहीं है इस मौके पर बजरंग दल के प्रिंस सिंह ने कहा कि विगत कई समय से यहां की स्थिति नारकीय बनी हुई है एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि चाहे वह विधायक के रुप में हो या फिर प्रशासनिक अधिकारी के रूप में हो हर कोई लापरवाह बना हुआ है और दुर्घटना में लोगों की मौत को निमंत्रण दे रहा है । जानबूझकर इन सड़क के परियोजनाओं को अटका दिया गया है और जनता को होने वाली समस्या को टाल दिया गया है । उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी जब तक लोगों की जान नहीं लेंगे तब तक वह कुछ करने वाले नहीं है इस पूरे घटनाक्रम को देखकर ऐसा ही प्रतीत होता है । वही उक्त समस्या को लेकर उन्होंने स्थानीय ग्रामीण जन प्रतिनिधि मुखिया विकास कुमार सिंह एवं पंचायत समिति सदस्य चंदन सिंह को समस्याओं से अवगत कराया जिसके बाद मुखिया एवं पंचायत समिति के द्वारा सांसद श्री दिनेश चंद्र यादव तथा सोनबरसा विधायक रत्नेश सादा से संपर्क करते हुए इन समस्याओं से अवगत कराया तो स्थानीय सांसद एवं विधायक ने आश्वासन दिया कि बहुत जल्द इन्हें ठीक करा लिया जाएगा।
वहां के कई स्थानीय युवकों का नाराजगी इस बात से था कि हमेशा प्रशासनिक उदासीनता के कारण स्थानीय समस्याओं का निराकरण समय नहीं हो पाता है एवं ग्रामीण दर ब दर कभी किसी कार्यालय के चक्कर तो किसी दलाल के चक्कर लगाते रहते हैं। इसके साथ ही कई सारी योजनाएं भी अधर में लटकी रहती है । वही प्रिंस सिंह ने कहा कि अगर इसका निराकरण नहीं खोजा गया तो आने वाले समय में कुछ दिन के बाद स्थानीय सैकड़ों युवकों के साथ एवं ग्रामीणों के साथ आम’रण अनशन पर बैठूंगा । उन्होंने स्पष्ट रूप से स्थानीय प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते इसे दुरुस्त करें या किसी की मौ’त का इंतजार ना करें।
साथ ही साथ उन्होंने ग्रामीण प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इस विषय को लेकर जितने भी संबंधित अधिकारी जनप्रतिनिधि हैं उनसे मिलकर रखें ताकि इस समस्या का समाधान यथाशीघ्र खोजा जा सके।