हाल में ही हुए बड़े स्तरों पर हुई मुर्ति की चोरी ये बताती है कि बिहार में कुछ तो गड़बड़ हो रहा है । इसमें किसी बड़े गैंग का हाथ है और ये छोटे चोरों के संपर्क में है जो इन मुर्तियों को इन तस्करों के हवाले करता है । यहाँ तस्करों का एक गैंग एक्टिव हो गया है। इस गैंग के निशाने पर बिहार के मंदिरों में स्थापित भगवान की प्राचीन मूर्तियां हैं। जिनकी चोरी कर तस्करी कर दी जाती है। ऊँचे दाम में बेच दिया जाता है। भगवान की मूर्ति तस्करों का ये गैंग कई लेवल पर काम कर रहा है। यह बात तब सामने आई, जब पटना पुलिस की टीम ने मूर्ति चोरी करने वाले तीन शातिरों को पकड़ा।
दरअसल, मसौढ़ी के मोइद्दीनपुर इलाके के एक मंदिर से बुधवार की देर रात भगवान गौरया की प्राचीन मूर्ति को चोरी कर लिया गया था। गुरुवार को मसौढ़ी थाना में इस मामले की एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद सिटी एसपी ईस्ट जितेंद्र कुमार ने पूरे मामले की जांच करने के साथ ही शातिर चोरों को पकड़ने और भगवान की मूर्ति को बरामद करने के लिए एक टीम बनाई। मासौढ़ी के एसडीपीओ सोनू कुमार राय और थानेदार ने मिलकर मामले की छानबीन की। तेजी से कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर पुलिस टीम ने भगवान की चोरी की गई मूर्ति को बरामद कर लिया। साथ ही चोरी करने वाले रंधीर पासवान, अरविंद सिंह और रविशंकर उर्फ मंटू को गिरफ्तार कर लिया।
ये तीनों मसौढ़ी के ही रहने वाले हैं। पटना पुलिस की जांच में पकड़े गए इन शातिरों का कनेक्शन बड़े तस्करों से है। भगवान की प्राचीन मूर्ति का सौदा लाखों में किया गया था। भगवान गौरया की मूर्ति किस धातू से बनी हुई है, ये अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन पुलिस की जांच में एक चौंकाने वाली बात जरूर सामने आई है। इस गैंग के पास एक कैमिकल है। जिसका इस्तेमाल प्राचिन मूर्तियों के टेस्ट में किया जाता है।
इस कैमिकल टेस्ट से ही बहुमूल्य धातुओं से बने मूर्तियों की पहचान की जाती है। टेस्ट में पास होने के बाद ही तस्करों और शातिरों का गैंग एक्टिव होता है और फिर समय तय कर मंदिर से मूर्ति की चोरी कर लेता है। अब पटना पुलिस इस पूरे गैंग को खंगालने में जुटी हुई है।