लोहे के नवनिर्मित गांधी सेतु की पश्चिमी लेन पर 15 जून से ट्रक भी दौड़ेंगे। सभी तरह के मालवाहक वाहन और बड़ी बसें आसानी से पार होंगी। पथ निर्माण विभाग के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने शनिवार को कहा कि पश्चिमी लेन (दो लेन) के सभी 44 स्पैन तैयार हैं।
अलकतरा बिछाने का काम तेजी से किया जा रहा है। बिहार की इस लाइफलाइन को निर्माण एजेंसी एफ्कॉन्स और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय 15 जून से चालू करने का लक्ष्य तय कर काम कर रहे हैं। वर्ष 1982 में 5।5 किमी लंबे गांधी सेतु को बनाने पर 87 करोड़ खर्च हुए थे और अब सिर्फ सुपर स्ट्रक्चर को बदलने पर 1372 करोड़ खर्च हो रहे हैं। पश्चिमी लेन को चालू कर देने के बाद पूर्वी लेन को तोड़ने का काम शुरू होगा। वर्ष 2021 के अंत तक पूर्वी लेन पर गर्डर बिछाने और वर्ष 2022 चालू करने की योजना है।
बताते चले कि राजधानी में महात्मा गांधी सेतु का निर्माण कार्य मंगलवार से फिर से शुरू हो गया। लॉकडाउन लागू होने के बाद इसका काम रोक दिया गया था। अब इस पुल के पश्चिमी लेन का अधूरा काम मई तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद जून से इस पुल पर फिर से परिवहन शुरू हो जायेगा। महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन के सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि फिलहाल इंजीनियर से लेकर अन्य कर्मियों की संख्या लगभग आधे से भी कम रह गयी है। फिलहाल उनके साथ ही काम शुरू किया जायेगा। निर्मित सड़क पर पिचिंग और रेलिंग का काम बचा हुआ है। तीन स्पैन के डेक स्लैब की भी ढलाई होनी है। इन कामों के पूरा होने में करीब एक महीना लग सकता है।
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