
कोरोना काल में सामाजिक उत्सवों का स्वरूप बदल गया है। कोरोना को हराने के लिए राजधानी में होने वाली रामलीला और रावण वध का आयोजन इस बार वर्चुअल होगा। इसके लिए भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में विशेष सेट तैयार किए जाएंगे। पटना के गांधी मैदान और रामलीला आयोजन से जुड़े स्थलों की प्रतिकृति वहीं पर बनाई जाएगी। इसी सेट के इर्द-गिर्द मथुरा की टोली रामलीला का मंचन करेगी। पटना में बैठे श्रद्धालु इसका ऑनलाइन प्रसारण फेसबुक और जूम जैसे ऐप के जरिये देख पाएंगे। कोरोना संक्रमण और विधानसभा चुनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने इस बार पटना में रामलीला के आयोजन की इजाजत नहीं दी है।
शहर में दशहरा के मौके पर रामलीला और विजयादशमी के दिन रावण-वध के आयोजन की परंपरा वर्षों पुरानी है। दशहरा कमेटी ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल नोपानी ने बताया कि बीते 67 सालों में पहली बार पटना में रामलीला और रावण वध का आयोजन नहीं हो सकेगा। श्रद्धालु अपनी सांस्कृतिक विरासत से दूरी महसूस नहीं करें, इसके लिए इस बार आयोजन की पूरी व्यवस्था मथुरा में की गई है। मथुरा के ही आचार्य गिरिराज किशोर के नेतृत्व में कलाकार भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रसंग मंचित करेंगे। दशहरा कमेटी के वरिष्ठ सदस्य टीआर गांधी ने बताया कि 17 अक्टूबर से मथुरा में रामलीला की शुरुआत हो जाएगी। रामलीला का मंचन 50 कलाकारों की टीम करेगी। गांधी मैदान में रावण वध के लिए पुतला बनाने का काम कई सालों से गया के मुस्लिम कारीगर करते रहे हैं। इस बार पुतला का निर्माण कार्य मथुरा के कलाकार करेंगे। रावण का पुतला 15 फीट, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला 10-10 फीट ऊंचा होगा। गांधी मैदान में रावण व कुंभकर्ण के 65-70 फीट ऊंचे पुतले बनाए जाते रहे हैं।