जेडीयू से बाहर किए गए पूर्व मंत्री श्याम रजक ने आरजेडी में जाते ही नीतीश सरकार पर हमला तेज कर दिया था। श्याम रजक ने दलित कार्ड खेलते हुए न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला बल्कि जेडीयू की नीतियों पर भी सवाल उठा दिए। तेजस्वी के चुनावी रणनीति में श्याम रजक के जरिए दलित कार्ड सबसे मजबूती से खेला जा रहा है और आरजेडी के दलित कार्ड को लेकर अब नीतीश कुमार परेशान हैं।
तेजस्वी के इस दलित कार्ड का कार्ड निकालने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने चार मंत्रियों को आगे कर दिया है। राज्य कैबिनेट में शामिल जेडीयू के चार मंत्री अब सरकार और पार्टी दोनों का बचाव करेंगे। इसके लिए आज इनकी तरफ से एक प्रेसवार्ता बुलाई गई है। प्रदेश जदयू कार्यालय में मंत्री अशोक चौधरी, महेश्वर हजारी, संतोष निराला, रमेश ऋषि देव एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे। इन मंत्रियों के साथ हाल ही में आरजेडी से पाला बदलकर जेडीयू में शामिल होने वाली प्रेमा चौधरी भी मौजूद रहेंगी। मंत्री दलित राजनीति को लेकर नीतीश कुमार की नीतियों को सामने रखेंगे और यह बताएंगे कि सरकार ने दलितों के लिए क्या कुछ किया है।
दरअसल पूर्व मंत्री श्याम रजक इन लगातार नीतीश सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। आरजेडी की तरफ से श्याम रजक के साथ-साथ उदय नारायण चौधरी, शिवचंद्र राम और रमई राम ने दो दिन पहले प्रेस वार्ता कर राज्य सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया था। दलितों के खिलाफ अपराध के आंकड़े पेश किए थे और सरकार से कई मुद्दों पर सवाल पूछा था। अब इसी मसले पर जेडीयू पलटवार के मूड में है। जेडीयू और आरजेडी के बीच दलित राजनीति की रफ्तार बता रही है कि विधानसभा चुनाव में भले ही जेडीयू ने 15 साल बनाम 15 साल का नारा दिया हो लेकिन तेजस्वी यादव दलित कार्ड के जरिए चुनावी पिच बदल रहे हैं।