जेल में बंद पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के रिहा होने की उम्मीद बढ़ गई है। वो पिछले चार महीने से 32 साल पुराने एक मामले में बेल टूटने की वजह से जेल में हैं। पप्पू यादव के केस की गवाही सोमवार को पटना हाईकोर्ट में पूरी हो गई है। इसके बाद जाप नेताओं ने उम्मीद जताई है कि पप्पू यादव जल्दी जेल से रिहा होंगे। अभी उनका दरभंगा डीएमसीएच में इलाज चल रहा है।
अपहरण के मामले में बीते 11 मई को पटना से पप्पू यादव को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से ही वह जेल में बंद हैं। इस दौरान उनकी जमानत को लेकर की गई तमाम अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। वहीं एक दिन पहले ही पप्पू यादव ने बिहार में वायरल फ्लू से बच्चों की हो रही मौत को लेकर एक मार्मिक अपील की थी कि वह इन बच्चों के लिए कोई सहायता नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि वो चार महीने से वह जेल में बंद हैं।
”दर्द है फीवर से दर्जनों बच्चे मर रहे हैं और मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूँ”
पप्पू यादव ने कहा, जघन्य अन्याय हो रहा है। लेकिन पीड़ा है कि वायरल फीवर से दर्जनों बच्चे मर रहे हैं। मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूँ। उन्होंने कहा की राजनेता सब राजनीति में व्यस्त हैं। शायद सेवा कर मैं कुछ की जान बचा पाता। कुछ मां का आंसू पोछ पाता। दवा उपचार का का इंतजाम करता। उन्होंने कहा की यूं ही बच्चों को मरने नहीं देता। बताते चलें पप्पू यादव ने कोरोना काल में कई लोगों के लिए ऑक्सीजन और दवा का इंतजाम किया था। जिससे लोग उनके पास मदद के लिए पहुंच रहे थे। वहीं पटना में भीषण जलजमाव के बाद भी उन्होंने कई मोहल्लों में जाकर लोगों की सहायता की थी।
क्या है 32 साल पुराना मामला
1989 में पप्पू यादव, रामकुमार यादव और उमाकांत यादव एक साथ रहते थे। इनके गुट के ही एक युवक ने एक लड़की से शादी कर ली थी। इस कारण पप्पू यादव का रामकुमार यादव और उमाकांत यादव से मतभेद हो गया था। 29 जनवरी 1989 को रामकुमार यादव के चचेरे भाई शैलेन्द्र यादव ने मुरलीगंज थाना में शिकायत दर्ज कराया और आरोप लगाया कि पप्पू यादव ने दिनदहाड़े रामकुमार यादव और उमाकांत यादव को जान से मारने की नीयत से अपहरण कर लिया है। इसी मामले में पप्पू यादव जेल में हैं।