बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर दिन यह दावा करते नहीं थकते कि उनके सुशासन में पुलिस अपना काम करती है, ना किसी को फंसाती है और ना ही किसी को बचाती है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस दावे की पोल उनकी ही पार्टी के नेता और पूर्व विधायक खुलेआम सड़क पर खोल रहे हैं। मामला सीएम नीतीश के शराबबंदी अभियान से जुड़ा हुआ है। उनकी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक के महेश्वर प्रसाद यादव ने दावा किया है कि पुलिस लोगों को शराबबंदी के झूठे केस में फंसा रही है।
महेश्वर प्रसाद यादव गायघाट विधानसभा से जेडीयू के टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुके हैं। आरजेडी से पाला बदलकर जब जेडीयू में शामिल हुए थे तो तेजस्वी यादव को खूब खरी-खोटी सुनाई थी और नीतीश कुमार की शान में कसीदे पढ़े थे लेकिन अब वही महेश्वर प्रसाद यादव आरोप लगा रहे हैं कि नीतीश कुमार की पुलिस भोले भाले लोगों को शराब के केस में झूठे मुकदमे के अंदर फंसा रही है। दरअसल पिछले दिनों बरियारपुर चौक पर पियर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों के खिलाफ शराब के मामले में गिरफ्तार किया था। इस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस का विरोध भी किया था लेकिन अब पूर्व विधायक का आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस से निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमे में फंसा रही है।
पूर्व विधायक और जेडीयू नेता पुलिस की कार्यवाही के बाद बरियारपुर चौक पहुंचे थे और वहां उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की इस दौरान उन्होंने पुलिस की ककार्रवाई पर न केवल सवाल उठाए बल्कि सीधा आरोप लगाया कि शराब के झूठे मुकदमे में भोले-भाले लोगों को फंसाया जा रहा है, पुलिस कहीं न कहीं गलत तरीके से एक्शन ले रही है। महेश्वर प्रसाद यादव ने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों ने अगर इसका विरोध किया तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। पूर्व विधायक की मानें तो अगर कोई गलत करता है तो उसका विरोध होना चाहिए। महेश्वर प्रसाद यादव की तरफ से लगाए गए आरोपों के बाद एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावों पर सवाल खड़ा हो गया है वही बैठे-बिठाए विपक्ष को एक मुद्दा भी मिल सकता है।