मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के बेहद ख़ास और जेडीयू में नम्बर दो माने जाने वाले आरसीपी सिंह (RSP Singh) के साथ नीतीश कुमार ने पार्टी दफ़्तर में मोर्चा सम्भाल लिया है. टिकट के दावेदारों और पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ घंटों मुलाक़ात कर एक-एक बात की जानकारी दोनों बड़े नेता ले रहे हैं. लम्बे समय तक नज़र नहीं आने वाले आरसीपी सिंह को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही थी. जब से कोरोना का दौर शुरू हुआ, आरसीपी सिंह पार्टी के किसी कार्यक्रम में बहुत कम दिखते थे. इस बीच ज़रूर वर्चुअल सम्मेलन में अलग- अलग ज़िलों में पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं से जुड़ भले ही रहे थे, लेकिन बावजूद इसके क़यासों का बाज़ार लगातार गर्म था.
इसी बीच जैसे ही चुनाव के तारीख़ों का एलान हुआ, आरसीपी सिंह सक्रिय हो गए. संसद की कार्रवाई में भाग लेने के बाद पटना पहुंचते ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात का दौर शुरू हो गया और आख़िरकार नीतीश कुमार के साथ पार्टी दफ़्तर में नज़र आ ही गए. शनिवार को पार्टी दफ़्तर पहुंचने के बाद नीतीश एक कमरे में लगातार टिकट के दावेदारों से मुलाक़ात करते रहे. वहीं दूसरी तरफ़ नीतीश कुमार भी पार्टी दफ़्तर में अलग से टिकट के दावेदारों से मुलाक़ात कर रहे थे. ख़बर ये भी है कि टिकट बंटवारे में आरसीपी सिंह और ललन सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका है. साथ ही उम्मीदवारों के चयन में भी नीतीश कुमार के दोनों ख़ास सहयोगी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और ये सब पर्दे के पीछे से हो रहा है.
दरअसल, आरसीपी सिंह को लेकर चर्चा का बाज़ार तब से गर्म हो गया था जब गांधी मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन था. उम्मीद के मुताबिक़ इस सम्मेलन में काफ़ी कम लोग आए, जबकि माना जा रहा था कि आरसीपी सिंह ने संगठन को मज़बूत करने को लेकर पूरी ताक़त झोक रखा था. इस सम्मेलन की सफलता से आरसीपी सिंह का क़द काफ़ी बढ़ता, लेकिन सम्मेलन में काफ़ी कम भीड़ ने आरसीपी सिंह के संगठन क्षमता पर सवालिया निशान लगा दिए. इसी के बाद आरसीपी पार्टी के आयोजनो में काफ़ी कम सक्रिय दिखे, लेकिन लम्बे समय के बाद आरसीपी सिंह एक बार फिर से पार्टी के नीतीश कुमार के बाद सूत्रधार के रूप में देखे जा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ़ ललन सिंह दिल्ली में भाजपा के साथ सीटों कि बंटवारे में भूमिका निभा रहे है.
ख़बर ये भी है कि आरसीपी सिंह क़ोरोना से संक्रमित हुए तब दो महीने तक घर के कमरे के अलावे पटना AIIMS में भर्ती हुए थे. चिकित्सकों के सलाह पर उन्होंने पूरी तरह से आराम किया. वहीं इस दौरान नीतीश कुमार से लगातार सम्पर्क में रहे, लेकिन इसी दौरान संगठन से जुड़े कार्य और उम्मीदवारों को लेकर नीतीश कुमार के निर्देश पर होमवर्क भी करते रहे. अब पूरी तरह से सक्रिय होकर पार्टी को चुनाव में जीत दिलाने के लिए काम कर रहे है. साथ ही आरसीपी सिंह के संगठन क्षमता को देखते हुए नीतीश कुमार भी इन पर बेहद भरोसा करते है और यही वजह है की इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.