उत्तर बिहार में मिथिलांचल व मुजफ्फरपुर का इलाका अभी बाढ़ से नहीं उबर पा रहा है। दरभंगा व मुजफ्फरपुर में बहने वाली कई नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर हैं। दरभंगा के केवटी में महाराजी बांध बुधवार को पांचवीं बार टूटा जिससे तबाही बढ़ी हुई है। वहीं मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर है। मुजफ्फरपुर में बहने वाली चार प्रमुख नदियों में दो नदियों का जलस्तर घटा है। इनमें गंडक व बागमती नदी शामिल हैं। इन दोनों नदियों के जलस्तर में कमी से बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है। बाढ़ का पानी अब गांव में घटने लगा है। लेकिन बूढ़ी गंडक व बया नदी का तांडव अभी भी जारी है। बूढ़ी गंडक से जुड़े तिरहुत नहर का बांध टूटने के बाद पानी पंचायतों में फैल ही रहा है। सकरा प्रखंड होते हुए पानी वैशाली के पातेपुर की तरफ बढ़ रहा है वहीं दूसरी तरफ के तटबंध का पानी मुशहरी प्रखंड की ओर बढ़ने लगा है। जिले के पश्चिमी इलाके पारू व सरैया में बाया नदी का पानी फैल रहा है और नए इलाकों को अपनी चपेट में ले रहा है।
जिला प्रशासन के अनुसार जिले में अब तक करीब 13 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। उधर, दरभंगा में बागमती के जलस्तर में थोड़ी कमी आयी है लेकिन यह खतरे के निशान से ऊपर है। अधवारा भी कमतौल में खतरे के निशान से ऊपर रही है, जबकि कमला सोनवर्षा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उधर, केवटी के पिंडारुच में के मोहन मठ में महाराजी बांध पांचवी बार बुधवार की सुबह टूटा। इसके कारण बांध का पानी दो सौ घरों में घुस गया। स्थानीय लोग बांध की मरम्मत में जुटे हैं। यदि इस बांध की मरम्मत नहीं होती है तो इसका पानी अब दरभंगा हवाई अड्डा परिसर में प्रवेश कर सकता है। इधर, पश्चिमी व पूर्वी चंपारण में बाढ़ की स्थिति में कमी दर्ज की गई है। नदियों का जलस्तर घटने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से पानी निकलने लगा है। मधुबनी में भी स्थिति सामान्य बनी हुई है।
बिहार के 16 जिलों में बाढ़ (Flood) का कहर जारी है और अब तक इससे 63 से अधिक आबादी प्रभावित हो चुकी है. जबकि बिहार सरकार (Bihar Government)बाढ़ आपदा से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और अब तक 418490 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है. वहीं, हवाई सर्वेक्षण द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने हालात का जायजा लिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार राज्य के 16 जिलों- सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा और सहरसा जिले के 120 प्रखंडों के 1152 पंचायतों की 6360424 आबादी बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाहर निकाले गये 440507 लोगों में से 17916 ने 17 राहत शिविरों में शरण ले रखी है. इसके अलावा बाढ़ के कारण विस्थापित लोगों को भोजन कराने के लिए 1365 सामुदायिक रसोई की व्यवस्था की गयी है जहां अब तक 952481 लोगों को भोजन मिला है.
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, दरभंगा जिले में सबसे अधिक 15 प्रखंडों की 199 पंचायतों की 1861960 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 33 टीमों की तैनाती की गयी हैं. बिहार के इन जिलों में बाढ़ का कारण अधवारा समूह नदी, लखनदेई, रातो, मरहा, मनुसमारा, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक, कदाने, नून, वाया, सिकरहना, लालबेकिया, तिलावे, धनौती, मसान, कोशी, गंगा, कमला बलान, करेह एवं धौंस नदी में जलस्तर का बढ़ना है. जबकि जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बागमती नदी सीतामढी, मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा में, बूढी गंडक नदी मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर एवं खगडिया में, कमला बलान नदी मधुबनी में, लालबकिया नदी पूर्वी चंपारण में, गंगा नदी भागलपुर में, अधवारा नदी सीतामढी में, खिरोई दरभंगा में और घाघरा नदी सिवान में बुधवार को खतरे के निशान से उपर बह रही थी. वहीं, जल संसाधन विभाग के अनुसार विभाग के अंतर्गत सभी बाढ़ सुरक्षात्मक बांध सुरक्षि