पटना. बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने आयी केंद्रीय टीम ने भी आखिरकार मान लिया कि बाढ़ की तबाही बड़ी है और इस बार बाढ़ से जान माल का काफी नुकसान हुआ है. तीन दिनों तक इलाके के हालात देखने के बाद गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पीयूष गोयल के नेतृत्व में आयी छह सदस्यीय टीम ने माना कि नुकसान बड़ा है. गोपालगंज, दरभंगा और मुजफ्फरपुर का दौरा करने के बाद टीम ने जब सह स्वीकार किया कि बिहार में बाढ़ से काफ़ी नुक़सान हुआ है तो बिहार सरकार ने भी बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केंद्र सरकार से 3328 करोड़ 60 लाख की सहायता मांगी है. इस बाबत केंद्रीय टीम को एक ज्ञापन सौंपा गया है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि स्थल निरीक्षण के बाद तीन दिवसीय दौरे पर आयी केंद्रीय टीम ने बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान को भारी तबाही बताया. ज्ञापन देने पर टीम ने कुछ और कागजातों की मांग की है जिसे जल्द ही भेज दिया जाएगा.
केंद्रीय टीम ने की अधिकारीयों से बात
गौरतलब है कि दो सितम्बर को केंद्रीय टीम बिहार आयी थी और चार को दिल्ली लौटने से पहले केंद्रीय टीम ने बिहार सरकार के अधिकारियों के साथ लंबी मंत्रणा भी की. जिसमें आपदा, कृषि, जल संसाधन, ग्रामीण कार्य व पथ निर्माण के अधिकारी वीसी से जुड़े. दिल्ली जाकर यह टीम अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को देगी और वित्त मंत्रालय की सहमति पर बिहार को केंद्रीय सहायता मिलेगी.
इन मदों में चाहिए कितनी सहायता
राहत सहायता अनुदान : 1200.40 करोड़, कृषि क्षति : 999.60 करोड़, बांध और तटबंध : 483.92 करोड़, ग्रामीण सड़क : 412.90 करोड़, कम्यूनिटी किचेन : 112.97 करोड़, सड़क मरम्मत : 70.01 करोड़बिजली के तार-पोल : 16.31 करोड़, आबादी निष्क्रमण : 8.96 करोड़, रिलीफ सेंटर : 6.95 करोड़, घरों का नुकसान : 6.39 करोड़, फूड पैकेट एयरड्रॉपिंग : 6 करोड़, नाव नुकसान : 2.07 करोड़, अनुग्रह अनुदान : 1.20 करोड़ और पशु क्षति व चारा : 88 लाख.
चुनावी साल में उम्मीद
बता दें कि बिहार को मदद देने में अबतक केंद्र कंजूसी बरतता रहा है. अब तक बिहार सरकार ने जो मांग रखी है वो पूरी नहीं हुई है. इस बार बिहार में चुनाव है और केंद्र में भी एनडीए की सरकार है ऐसे में उम्मीद है कि इसबार केंद्र बिहार की मांग पर विचार करेगी एक बार नज़र डालते हैं बिहार की मांग पर अबतक केंद्र सरकार का क्या रुख़ रहा है.
वर्ष आपदा मांग मिला
2007 बाढ़ 17059 – —-
2008 बाढ़ 14800 -1010
2009 सूखा 14000 -269
2010 सूखा 6573 -1459
2013 सूखा 12564 – —-
2015 ओलावृष्टि 2040 – —
2015 तूफान 434 – —-
2016 बाढ़ 4112.98 ——-
2017 बाढ़ 7636.51- 1700
2019 बाढ़ 4300 953
2020 बाढ़ 3328 – —