लॉकडाउन में रिश्ते बन तो रहे हैं लेकिन रिश्तेदारों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पटना में आयी बारात लॉकडाउन के बीच 47 दिनों तक फंसी रह गयी अब बेगूसराय से मामला सामने आ रहा है जहां नेपाल के विराटनगर से बेटी का छेका लेकर पहुंचे लोग 50 दिनों से फंसे पड़े हैं। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की वजह से फंसे लोग अब तक घऱ वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
नेपाल के विराटनगर से अपनी बेटी का छेका लेकर 21 मार्च को बेगूसराय के बलिया पहुंचे राजनारायण कर्ण अपने 4 रिश्तेदारों के साथ वर पक्ष के यहां 50 दिनों से लॉकडॉउन की वजह से फंसे हैं। विराटनगर से लगभग 14 किलोमीटर दूर दुहबी बाजार से बीते 20 मार्च को बलिया प्रखंड अंतर्गत नुरजमापुर पंचायत के वार्ड 7 निवासी योगेंद्र प्रसाद सिन्हा के सबसे छोटे पुत्र सुजीत कुमार सिन्हा का छेका करने पहुंचे थे। ये लोग 21 मार्च को बलिया प्रखंड के नुरजमापुर पहुंचे थे। लेकिन छेका करने के बाद 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लग जाने के कारण घर वापस नहीं लौट सके। अब उन्हें 17 मई को लॉकडाउन के समाप्त होने का इंतजार है।
लड़की के पिता ने बताया कि घर से निकले 50 दिन हो गए हैं। यहां से जाने के बाद बेटी की शादी की तैयारी करनी थी, लॉक डाउन की वजह से बलिया में फंस गए हैं तैयारी भी नहीं हो पाई है।उन्होंने बताया कि घर से ज्यादा कपड़े एवं रुपए लेकर भी नहीं चले थे। । वहीं लड़का के पिता योगेंद्र प्रसाद सिन्हा ने बताया कि चार रिश्तेदार मेरे सबसे छोटे बेटे की शादी को लेकर छेका करने 21 मार्च को आए थे जो 22 मार्च को बेगूसराय ट्रेन पकड़ने गए थे लेकिन जनता कर्फ्यू की वजह से पुलिस ने इन लोगों को लौटा दिया। घर वापसी के लिए पंचायत के मुखिया से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों तक से लोगों ने गुहार लगायी लेकिन बात नहीं बनी। वहीं अब डीएम और बिहार सरकार से इन्होनें घर वापसी की गुहार लगायी है।
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