दूसरे प्रदेशों से बेहद कष्टपूर्ण यात्रा कर अपने घर पहुंचे प्रवासी मजदूरों को 21 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर पर रहना पड़ता है. घर-परिवार से दूर ये इक्कीस दिन इनके लिए दुखद अनुभव वाले ही होते हैं. लेकिन, जिले के बिरौल ब्लॉक के सहसराम मिड्ल स्कूल पर बने क्वारेंटीन सेंटर के प्रबंधकों ने अपने यहां से विदा होने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए जो किया, उससे उनकी विदाई जीवन भर के लिए यादगार बन गई.
प्रवासी मजदूरों के चेहरे खिल उठे. क्वारंटीन सेंटर से मिथिला की परंपरा के अनुसार पीली धोती पहना कर बाराती की तरह कुल 45 प्रवासी मजदूरों को विदा किया गया.पीली धोती पहनाकर किया विदा
क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले मजदूरों में से एक हरेराम पासवान ने बताया कि क्वारंटीन सेंटर पर कई तरह की परेशानियां आम बात है. उन लोगों को भी कई परेशानियां झेलनी पड़ीं. लेकिन, आखिरी दिन सेंटर के प्रबंधकों की सहृदयता देख कर वे भावुक हो उठे. विदाई के क्षण अपनेपन वाले थे. सभी 45 लोगों को पीली धोती पहनाकर विदा किया गया. ऐसा लग रहा था जैसे कोई बारात को अपने घर से विदा कर रहा हो, उनके लिए ये विदाई यादगार रहेगी.समाज को एक सुखद संदेश जाएगा- प्रधानाध्यापक
मध्य विद्यालय सहसराम के प्रधानाध्यापक चंद्रकांत पाठक ने बताया कि सभी प्रवासियों को धोती सरकार की तरफ से देने के लिए मिली थी. उन लोगों ने धोतियों को पीले रंग से रंग दिया और उन्हें पहनाकर प्रवासी मजदूरों की मिथिला की परंपरा के अनुसार विदाई की गई. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से समाज को एक सुखद संदेश जाएगा और ये प्रवासी मजदूर भी जीवनभर इस विदाई को याद रखेंगे. उन्होंने कहा कि इस क्वारंटीन सेंटर से कुल 45 मजदूरों की विदाई की गई है. जिनमें 39 सहसराम और बाकी दूसरे गांवों के रहने वाले हैं.