बिहार में अगर आपने हेलमेट पहन रखा है और ये सोच रहे हैं कि आपका चलान कटने से बच जाएगा । तो आप गलत हैं । बिहार सरकार के नये ट्रैफिक कानून के तहत अब ऐसा नहीं होने वाला है । जी हाँ पटना की सड़कों पर पुलिस घूम-घूमकर चलान काट रही है । ऐसा इसलिये हो रहा है कि आपने सड़क किनारे से हेलमेट खरीदा हुआ है ।
जी हां, क्योंकि दुकानदार यह नकली हेलमेट को आईएसआई प्रमाणित बताकर खुलेआम बेच रहे हैं। हालांकि इन हेलमेट पर आइएससआइ सिर्फ पेंट से लिखा होता है। और पैसे बचाने हेतु पुलिस के चालान से बचने के लिए औपचारिकता के लिए सस्ते हेलमेट लोग खरीद लेते हैं और दुर्घटना में अधिकांश मौतें हो जाती है और यह हेलमेट काम नहीं आती हैं
बता दें वर्तमान समय में अच्छे हेलमेट की क्वालिटी के लिए अधिक जोर दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार 60% हादसों में बाइक चालक ने हेलमेट नहीं पहना थी या फिर बेकार हेलमेट पहना था जिसके कारण मृत्यु हो गई। उपर्युक्त मृत्यु दर देखने तथा दुर्घटनाओं से हुई मृत्यु दर रोकने हेतु केंद्र सरकार ने 1 जून से नया हेलमेट सुरक्षा कानून हेलमेट फॉर राइट्स ऑफ टू व्हीलर मोटर व्हीकल 2020 को लागू कर दिया है जिसके द्वारा अच्छी क्वालिटी की हेलमेट ना बेचने वालों और अच्छी क्वालिटी की हेलमेट ना पहनने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ये नियम हुए अनिवार्य
भारत मानक ब्यूरो की क्षेत्रीय प्रमुख सुमन गुप्ता कहती हैं नकली हेलमेट बेचना अपराध है। साथ ही हमेशा आईएसआई मार्क वाली हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। और जो बिना आईएसआई स्टैंडर्ड वाली हेलमेट बेचेगा या रूल का पालन नहीं करेगा उसपर कार्यवाही होगी कहती हैं हेलमेट का वजन अब 1.2 किलोग्राम होना अनिवार्य है।
बिना आईएसआई मार्क के बेकार हेलमेट पर जुर्माना
बिना आईएसआई मार्क के तथा बेकार क्वालिटी वाले हेलमेट बेचने तथा बनाने पर बीआईएस एक्ट के सेक्शन 17 के द्वारा 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। हेलमेट के रेट और क्वालिटी यानी के आईएसआइ मार्क वाले हेलमेट के रेट 1000 से 2500 तक बाजार में उपलब्ध है। दूसरी तरफ नकली हेलमेट के रेट 500 ,दोपहिया वाहन चालकों के लिए कंपनियों को बाइक स्कूटर के साथ हेलमेट देने संबंधित निर्देश दिए गए हैं। जिसका वर्तमान समय में पालन नहीं हो रहा है।