पूरे भारतवर्ष में सड़कों का महाजाल बन रहा है । कुछ नई बन रही है तो कुछ का चौड़ीकरण किया जा रहा है । अब सड़के चौड़ी होंगी तो उसके किनारे अवैध तरीके से बसे लोगों को जमीन खाली करना ही पड़ेगा । सरकार इन मामलों में पहले नोटिस जारी करती है । अगर लोग अपने मन से खाली कर दें तो ठीक वरना फिर सरकार अतिक्रमण हटाने के लिये आती है । लेकिन, इस बार अतिक्रमण का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है ।
सरकार अतिक्रमण की जा चुकी जमीनों पर बसे लोगों को जगह खाली करने या सरकारी कार्यवाही का नोटिस भेजती है। लेकिन, धनबाद में रेलवे द्वारा किसी इंसान की बजाए सीधे हिन्दू धर्म में पूजनीय बजरंगबली को ही नोटिस भेज दिया गया। जी हां, रेल प्रसाशन ने हनुमान जी को नोटिस जारी कर मंदिर खाली करने को कहा। ईस्ट सेंट्रल रेलवे द्वारा मंगलवार की शाम को मंदिर के बाहर लगाए गए नोटिस में लिखा गया कि, ‘आपका मंदिर रेलवे की जमीन पर बना है। इस पर अवैध कब्जा किया गया है। नोटिस मिलने के 10 दिनों के अंदर मंदिर हटा लें और जमीन खाली कर दें। नहीं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’
लोगों को भी दिया नोटिस
हनुमान जी को नोटिस भेजने वाला ये अजीब मामला धनबाद के बेकारबांध इलाके की खटीक बस्ती का है। यहां रेलवे ने अपनी जमीन खाली कराने के लिए नोटिस लगाया है। रेलवे ने अवैध झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का नोटिस जारी करटे हुए, हनुमान जी को भी एक नोटिस भेज दिया।
रेलवे ने मानी गलती
हालांकि रेलवे ने कहा कि नोटिस में हनुमान जी का नाम होना महज एक भूल है। धनबाद रेल मंडल के सीनियर सेक्शन इंजीनियर एस के चौधरी ने इसे एक मानवीय भूल बताया। उन्होंने कहा कि, “नोटिस में गलती से हनुमान जी का नाम लिख दिया गया है। इसे सुधारा जाएगा और आगे से ऐसी गलती ना हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। विभाग का मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। हम बस जमीन से अतिक्रमण हटाना चाहते थे।
रेलवे ने अपनी गलती तब मानी जब हनुमान जी को नोटिस भेजने का मामला सामने आया। बजरंगबली को मंदिर खाली करने के लिए कहने को लेकर लोगों में भारी गुस्सा है। ऐसी नाजुक स्थिति में रेलवे ने अपनी गलती मानी और आगे से ऐसी गलती न दोहराने की बात कही।