लॉकडाउन के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाकर मछली पार्टी का आयोजन करने वाले शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के स्टाफ पिंटू यादव को पुलिस ने पीआर बांड पर छोड़ दिया है। सोशल डिस्टेंसिंग के मामले में पिंटू यादव समेत तकरीबन दो दर्जन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शनिवार की रात ही पिंटू यादव को पूछताछ के लिए उठाया था और फिर उसके बाद उसे पीआर बांड पर छोड़ दिया गया। शिक्षा मंत्री के स्टाफ पिंटू यादव ने इस पूरे मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है।
शिक्षा मंत्री के स्टाफ पिंटू यादव को भले ही पुलिस ने पीआर बांड पर छोड़ दिया हो लेकिन सूत्र बताते हैं कि पिंटू यादव अब निगरानी की रडार पर आ सकता है। पिंटू यादव ने जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड स्थित सुगांव में जो आलीशान मकान बनाया है वह इस बात का सबूत है कि उसने मंत्री के साथ रहते हुए बड़ी प्रॉपर्टी बनाई। अब पिंटू यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच आगे बढ़ सकती है। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा मंत्री के साथ जुड़े होने के कारण पिंटू यादव में इसका जमकर लाभ उठाया। इसका मतलब यह हुआ कि सोशल डिस्टेंसिंग को तोड़ने के मामले में भले ही पिंटू यादव को राहत मिल गई हो लेकिन उसकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
शिक्षा मंत्री के करीबियों की मानें तो पिंटू यादव लगातार अपने रसूख का इस्तेमाल कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाया करता था। उसने इसी का फायदा उठाकर संपत्ति भी बनाई और बड़े-बड़े अधिकारियों के साथ उसका उठना बैठना था। यही वजह है कि पिंटू यादव की मछली पार्टी में डीएसपी से लेकर बीडीओ और तमाम बड़े अधिकारी पत्रकार तक मौजूद रहे। इस मामले में जहानाबाद के डीएसपी को भी सरकार ने निलंबित किया है अब उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी चलाने का आदेश दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक पिंटू यादव भले ही शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के साथ अटैच हो लेकिन वह इसी इलाके के एक आरजेडी विधायक का भी करीबी रहा है। पिंटू ने लोकसभा चुनाव में आरजेडी विधायक के लिए गुपचुप तरीके से काम भी किया। जेडीयू उम्मीदवार और जहानाबाद से मौजूदा सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के खिलाफ चुनाव में पिंटू यादव ने भूमिका निभाई थी। हालांकि सूत्र बताते हैं कि शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा भी अपने स्टाफ के कारनामों से अनजान थे। पिंटू यादव ने जिस तरह थोड़े ही दिनों में बड़ा रुतबा बनाया उसके बाद अगर सरकार की नजर टेढ़ी होती है तो शिक्षा मंत्री के इस स्टाफ पर ना केवल बड़ी कार्रवाई होगी बल्कि इसके साथ-साथ कई अन्य लोग भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।