मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि फ्लाई ऐश ईंट पर्यावरण के अनुकूल है। मिट्टी की ईंटों से पर्यावरण को नुकसान होता है। सीएम नीतीश कुमार के इस बयान पर जानकारों का कहना है कि बिहार में धीरे धीरे लाल ईंट पर बैन लगाने की तैयारी है। नीतीश सरकार पर्यावरण को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। CM 1411 करोड़ से बने 21 विभागों के 169 भवनों का उद्घाटन तथा 725.22 करोड़ से बनने वाले 12 विभागों के 73 भवनों का सोमवार को शिलान्यास कर रहे थे। ये सभी भवन फ्लाई ऐश ईंटों से बने हैं, बनेंगे। उन्होंने कहा कि पहले भवन निर्माण विभाग का बजट नाममात्र का था, अब बड़े पैमाने पर भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने बने भवनों के बेहतरीन मेंटेनेंस तथा बनने वाले भवनों के निर्माण को समय पर पूरा करने की बात कही।
फ्लाई ऐश (राख) ईंट की विशेषताएं : फ्लाई-ऐश ईंटें कोयले की राख, महीन बालू, सीमेंट और पानी के मिक्सचर से बनाई जाती है इसलिए इसे ‘सीमेंट-ईंट’ भी कहा जाता है। ये ईंटें हाई-टेक, बेहतर गुणवत्ता वाली ईंटें होती हैं जिनका उपयोग ईंट की दीवाल आदि संरचनाओं के निर्माण के लिए किया जाता है।
इस ईंट को बनाने के लिए 55% फ्लाई-ऐश, 35% बालू और 10% सीमेंट लिया जाता है। ये आम मिट्टी की ईंटों के समान सभी इमारत निर्माण गतिविधियों में बड़े पैमाने पर उपयोग किए जा सकते हैं, और इसमें मिट्टी की ईंटों के मुकाबले बेहतर गुण होते हैं।
साधारण मिट्टी की ईंट और फ्लाई-ऐश ईंट के बीच अंतर:
साधारण मिट्टी की ईंट/फ्लाई ऐश ईंट
वजन में भारी/वजन में हल्का
पलस्तर (Plastering) आवश्यक है/पलस्तर (Plastering) आवश्यक नहीं है
मिट्टी के अनुसार भिन्न रंग, आकार/एक सामान रंग सीमेंट की तरह, आकार
कम भार (35 kg/cm2) की क्षमता/अधिक भार (100 kg/cm2) की क्षमता
20% पानी की जरुरत/10% पानी की जरुरत
10% क्षति ढुलाई के दौरान/2% क्षति ढुलाई के दौरान
फ्लाई ऐश/राख की ईंट की विशेषताएं और उपयोगिता
फ्लाई-ऐश ईट से घर बनाने में लागत कम (30% तक खर्च कम) हो जाता है-
पारंपरिक मिट्टी की ईंटों की तुलना में फ्लाई ऐश ईंटें बड़े पैमाने पर अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करती हैं।
चुकी यह ईंट सही आकार, बराबर कोने के होते है इसीलिए इससे फिनिशिंग दीवार के दोनों तरफ आती है जिससे Plaster में भी सीमेंट की बचत होती है।
यह ईंट कम पानी सोखती इसलिए घर के दीवाल में रिसाव (Seepage) नहीं होता, पेंट ख़राब नहीं होता और वाल पुट्टी नहीं झरती।
ढुलाई के दौरान मिट्टी की ईंट की तुलना में फ्लाई-ऐश ईट की क्षति कम होती है. इससे और लागत घटती है।
इस ईंट से बनी दीवाल बिना प्लास्टर के भी खूबसूरत दिखती है, इसलिए आप प्लास्टर किए बिना भी इस पर रंग करवा सकते हैं।
चुकी यह ईंट ताप-रोधी होता है इसलिए इससे बने घर में गर्मी कम लगती है।