बिहार में कोविड- 19 के गंभीर मरीज ऑक्सीजन के सहारे स्वस्थ हो रहे हैं। विशेष तौर पर ऐसे कोरोना मरीज जो रेस्पिरेटरी सिस्टम की समस्या से जूझ रहे हैं। सांस लेने में परेशानी होती है उन्हें आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा जा रहा है। वहां वे पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने के बाद काफी राहत महसूस कर रहे हैं और धीरे-धीरे उनकी इम्यूनिटी बढ़ने लगती है और बाद में वे कोरोना की जांच में निगेटिव पाए जाते हैं। बिहार के पहले कोविड डेडिकेटेड अस्पताल एनएमसीएच में ऐसा रोज हो रहा है। शुक्रवार को भी हृदय रोग का ऐसा ही संक्रमित स्वस्थ होकर अपने घर लौटा।
फास्ट ऑक्सीजन देने से दिख रहा असर
एनएमसीएच के नोडल अधिकारी डॉ. अजय सिन्हा ने बताया कि बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजो में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाकर गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिसके परिणाम से डॉक्टर हैरान हैं। गंभीर मरीजों के स्वास्थ्य में फास्ट ऑक्सीजन देने से काफी अंतर आ रहा है। इसको लेकर मुजफ्फरपुर, भागलपुर स्थित मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों से भी मिला फीडबैक संतोषप्रद है।
पहले तीन लीटर ऑक्सीजन दी जाती थी
सामान्यतया 2 से 3 लीटर ऑक्सीजन गैस मरीज को दी जा रही थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 20 से 25 लीटर ऑक्सीजन गैस एक मरीज को दी जा रही है, ताकि भरपूर ऑक्सीजन मिलने से मरीज को आराम मिल सके। एसपीओ-2 की पर्याप्त आपूर्ति अस्पताल में की जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार ऑक्सीजन का सैचुरेशन 95 फीसदी को मेनटेन करने का निर्देश दिया गया है, ताकि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं हो।
298 में 250 ठीक हो चुके हैं
एनएमसीएच में अब तक 298 कोरोना संक्रमितों का इलाज किया गया, जिनमें से अब तक 250 ठीक होकर घर जा चुके है। जिन 8 मरीजों की यहां मौत हुई है, वे कैंसर सहित अन्य गभीर बीमारियों से ग्रसित थे।