
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय चर्चित भारतीयों की लिस्ट में 10वें पायदान पर पहुंच चुके हैं। सुशांत सिंह राजपूत केस में जिस तरह से गुप्तेश्वर पांडेय ने आगे बढ़ कर बिहार पुलिस के जांबाज अधिकारियों को अपना सपोर्ट दिया था और महाराष्ट्र सरकार की कारगुजारियों का खुलकर विरोध किया था उसके बाद अचानक में पूरे देश के अंदर चर्चा में आ गये थे। अपनी अलग पुलिसिंग के अंदाज से चर्चा में रहने वाले बिहार पुलिस के मुखिया एक बाऱ फिर चर्चा में हैं।
फेम इंडिया की लिस्ट में उन्हें देश के 50 चर्चित हस्तियों की लिस्ट में शामिल किया गया था। अभ डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इस लिस्ट में टॉप टेन में शुमार हो चुके हैं। फेम इंडिया ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को इस उपलब्धि के लिए सलाम करते हुए लिखा है कि ‘ जिन्होनें अपने प्रयासों से लोगों के जीवन में बदलाव, विकास और संभावनाओं को मजबूत करने और देश के सम्मान को बढ़ाने का प्रयास किया है।’
इससे पहले भी देश के 25 उत्कृष्ट आईपीएस अफसरों में डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय को विलक्षण प्रतिभा का सबसे धनी पाया गया है। इस श्रेणी में वह सबसे टॉप पर रहे हैं। फेम इंडिया एशिया पोस्ट द्वारा आईपीएस अफसरों के कामकाज पर किए गए सर्वे ‘25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020′ में उन्हें यह स्थान प्राप्त हुआ था।

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का पुलिसिंग कैरियर बेमिसाल रहा है । विलक्षण प्रतिभा के धनी गुप्तेश्वर पांडेय अपनी पहली पोस्टिंग से ही लोगों के बीच बेहद पॉपुलर रहे हैं। गुप्तेश्वर पांडेय एएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी के तौर पर कार्य करने के बाद बिहार के पुलिस महानिदेशक बनने से पहले डीजी बिहार सैन्य पुलिस और डीजी पुलिस अकेडमी के पद पर थे। अपने कैरियर के दौरान बिहार के अधिकतर जिलों में कार्य करने के कारण, वे राज्य के चप्पे-चप्पे की जानकारी रखते हैं ।उनकी कार्यशैली की प्रशंसा करते आज भी तमाम जिलों के लोग,अघाते नहीं हैं।
गुप्तेश्वर पांडेय ने बेगूसराय, जहानाबाद,औरंगाबाद और नालंदा में एसपी रहने के दौरान बेहतरीन पुलिसिंग की एक मिसाल कायम की । इस जांबाज अधिकारी ने 90 के दशक में बिहार में ऑर्गनाइज्ड क्राइम का सबसे बड़ा अड्डा बन चुके बेगूसराय में, अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान खूंखार अपराधियों पर नकेल कस दिए । वहीं जहानाबाद, औरंगाबाद और नालंदा में अपने कार्यकाल के दौरान नक्सलवाद पर पूरी तरह से लगाम लगा दिया ।जिसकी चर्चा आज भी इन जिलों में होती है।
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट “पूर्ण शराबबंदी और नशा मुक्ति” के ब्रांड एम्बेसडर भी माने जाते हैं । उनके द्वारा नशा मुक्ति और शराबबंदी को लेकर चलाये गये अभियान की चर्चा देश भर में हो रही है । वे विभिन्न सेमिनारों और अन्य माध्यमों से इस सामाजिक बुराई के विरुद्ध, लगातार अभियान चला रहे हैं। सोशल मीडिया के द्वारा पुलिस और जनता के बीच परस्पर विश्वास जगाने का, इनका प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय है,जिसका अनुसरण अन्य राज्यों में भी किया जा रहा है।
Input : City Post Live