विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के अंदर विद्रोह शुरू हो गया है. कांग्रेस के नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के खिलाफ बगावत की आवाज बुलंद कर दी है. मिथिलांचल में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को व्यक्तिगत जवाबदेही लेने को कह रहे हैं. साथ ही साथ कांग्रेस आलाकमान से इन नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष पद से मदन मोहन झा को हटाने की मांग की है. पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा ने बगावत का सुर बुलंद करते हुए कांग्रेस आलाकमान से मांग की है कि वह पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद तत्काल प्रदेश अध्यक्ष पद से मदन मोहन झा को हटाए कहां है कि आगे कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहे तो ऐसी स्थिति में बिहार में संगठन का बेड़ा गर्क हो जाएगा. पूर्व विधायक ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में भारी अनियमितता की गई. उम्मीदवारों को टिकट दिए गए और कई सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए जिनका जमीन पर कोई पकड़ नहीं था.
ऋषि मिश्रा विधानसभा सीट से चुनाव की तैयारी कर रहे थे. विधायक हैं लेकिन इस सीट पर कांग्रेस ने मशहूर उस्मानी को उम्मीदवार बनाया था. दरभंगा जिले में उस्मानी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद महागठबंधन को इसका खामियाजा उठाना पड़ा और 10 विधानसभा सीटों में से दरभंगा में एक सीट पर ही आरजेडी के उम्मीदवार ललित यादव को जीत हासिल हो पाई. बाकी सभी 9 सीटें एनडीए के पाले में चली गई. ऋषि मिश्रा ने कहा कि जमीनी स्तर के नेताओं को टिकट नहीं दी गई है. जिस कारण से बिहार में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. विनिंग सीट 27 सीट की जगह 19 सीट जो स्थिति आई है. केंद्रीय नेतृत्व इसका मंथन करें. तेजस्वी यादव सीएम नहीं बने तो इसका जिम्मेवार कांग्रेस हैं. मदन मोहन झा के कारण हुआ है. कैप्टन को जब ताली मिलती है तो हार का उसे गाली मिलनी चाहिए.