आज दिनांक 16-09- 19 को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में चार दिवसीय बिहार रेफ्रिज डेवलोपमेन्ट प्रोग्राम का उद्घाटन करते हुए माननीय कुलपति महोदय ने कहा कि दरभंगा और राजा बहादुर विशेश्वर सिंह का अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन की स्थापना में अविस्मरणीय योगदान रहा है और यही कारण है कि आज उसी धरती पर फुटबॉल डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है जहां से फुटबॉल की जड़ी निकली थी। इस कार्यक्रम का आयोजन मिथिला विश्वविद्यालय को देने के लिए कुलपति महोदय ने बिहार फुटबॉल एसोसिएशन का आभार प्रकट करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के समावेशी विकास के लिए खेलकूद से संबंधित कई कार्यक्रम आयोजित करते रहता है।
उन्होंने पूरे भारत के अन्य राज्यों से आए रेफरी का भी स्वागत किया और उन्हें पूरे कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं दी।
सभी रेफरी का हौसलावर्धन करते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर जय गोपाल ने कहा कि फुटबॉल के क्षेत्र में यहां से अपनी गुणवत्ता को बढ़ाकर रेफरी जब वापस जाएंगे तो निश्चित रूप से फुटबॉल खेल में भी हम सफल और सबल होंगे।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे विश्वविद्यालय के खेल पदाधिकारी प्रो० अजय नाथ झा ने कहा कि दरभंगा का इतिहास ऐतिहासिक है। इसका प्रमाण राजा बहादुर विश्वेश्वर सिंह के प्रथम अखिल भारतीय फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव के रूप में मिलता है। लेकिन अफसोस कि विशेश्वर सिंह के बाद निरंतर हम फुटबॉल में असफल होते चले गए और विश्व पटल पर अपनी पहचान सही मायने में स्थापित नहीं कर पाए इसलिए आज के इस कार्यक्रम से एक नई परंपरा की शुरुआत हुई है क्योंकि जो रेफरी बाहर से आए हैं वह तो सीखेंगे ही साथ में यहां के खिलाड़ियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है और सभी खिलाड़ी इस अवसर से लाभान्वित होंगे।उंन्होने यह भी कहा कि 1935 ईस्वी में अखिल भारतीय फुटबॉल एसोसिएशन की स्थापना की गई थी जिसके पहले सचिव राजा बहादुर विश्वेश्वर सिंह ही बने थे। कई सालों तक उनके नाम पर टूर्नामेंट आयोजन होते रहे लेकिन जैसे-जैसे लोग अपने इतिहास को भूलते गए वैसे वैसे इन टूर्नामेंट का आयोजन होना भी बंद हो गया कई वर्षों के बाद एक मुहिम की ही तरह इस कार्यक्रम को दरभंगा में आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय परिवार ने अपनी रुचि दिखाई और आज से विधिवत 4 दिनों तक देश के कोने कोने से आए रेफरी अपना ज्ञान वर्धन करेंगे और फुटबॉल के क्षेत्र में अपना योगदान देंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार फुटबॉल एसोसिएशन के सचिव इम्तियाज़ हुसैन ने मिथिला विश्वविद्यालय परिवार को साधुवाद दिया और उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन में विश्वविद्यालय ने अपनी दिलचस्पी दिखाई और बहुत ही कम समय में एक अच्छे कार्यक्रम की नींव रखी उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में त्रुटियां होती हैं लेकिन विश्वविद्यालय परिवार की तैयारी और जज्बा दोनों ही सराहनीय है।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने किया उन्होंने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा मिथिला विश्वविद्यालय बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान पर है और इसमें निरंतर इस तरह के कई कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं लेकिन इस कार्यक्रम की बड़ी बात यह है अखिल भारतीय फुटबॉल एसोसिएशन का स्थापना दरभंगा में किया गया था और आज इतने वर्षों के बाद पुनः दरभंगा में देश के कोने कोने से आए रेफरी यहां फुटबॉल के पुरोधा बनने के लिए आए है यह कार्यक्रम निश्चित रूप से राजा बहादुर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।उक्त कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में राजा बहादुर विशेस्वर सिंह के पौत्र श्री रत्नेश्वर सिंह, श्री राजेन्द्र यादव, अध्यक्ष रेफ़री एसोसिएशन, बिहार, श्री देवकीनन्दन लाल कर्ण, सचिव, दरभंगा फुटबॉल एसोसिएशन, आदि कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।