कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए नीतीश सरकार ने भले ही कई कड़े कदम उठाए हो लेकिन हकीकत यही है कि बिहार अभी भी करोना संकट के बीच सबसे सुरक्षित राज्य है। बिहार में अब तक कोरोना वायरस के जितने भी संदिग्ध पाए गए हैं उनमें से किसी का केस भी पॉजिटिव नहीं निकला है। बिहारियों के लिए यह सबसे बड़ी राहत की खबर है।
हालांकि सूबे में कोरोनावायरस के 9 नए संदिग्ध मिले हैं, जिनका टेस्ट कराया गया है। रिपोर्ट आने तक इन सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। संदिग्धों में तमिलनाडु के कोयंबटूर से आए दो भाइयों को कोरोना होने के संदेह के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इन दोनों का ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। सारण जिले के काशी बाजार के रहने वाले एक रिटायर्ड स्वस्थ्य कर्मचारी के बेटे को कोरोना के शक के बाद आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। यह युवक इटली के रूम में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था और हाल में वहां से वापस लौटा है। वही गोपालगंज में भी बनारस के संदिग्ध की पहचान की गई है, वह दुबई से लौटा है। पूर्वी बिहार में भी कोरोना के 2 नए संदिग्धों की पहचान हुई है। एक मामला लखीसराय जिले का है, तो दूसरा बांका जिले का मोतिहारी जिले में भी दो संदिग्ध मरीजों को अस्पताल लाया गया है। इन सभी की रिपोर्ट का इंतजार है
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस के अब तक 112 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। देश के 13 राज्यों में कोरोनावायरस के पॉजिटिव के सामने आ चुके हैं। जिनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में है । महाराष्ट्र में अब तक 33 मामलों की पुष्टि हुई है । 2 मरीजों की मौत कोरोनावायरस की वजह से हो हो चुकी है। बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी कोरोना कहर बरपा रहा है, लेकिन बिहार सरकार ने सतर्कता को लेकर जो कदम उठाए हैं उसके बीच राहत की खबर यह है कि बिहार में अब तक किसी भी कोरोना वायरस के मरीज की पुष्टि नहीं हुई है।