एक तरफ जहां बिहार सरकार कोरोना को रोकने के लिए लाख प्रयास कर रही है, अधिकारी चैबिस घंटें काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खबर आ रही है कि बिहार सचिवालय में कोरोना की इंट्री हो गई है, मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच बड़ी खबर सामने आई है। पटना के विश्वेश्वरैया भवन स्थित ग्रामीण कार्य विभाग तक कोरोना का संक्रमण पहुंच चुका है। कोरोना के खतरे के मद्देनजर विभाग के दो चीफ इंजीनियर को क्वारंटाइन में भेज दिया गया है। दरअसल, आरा का एक संवेदक 27 अप्रैल को विभाग में दो चीफ इंजीनियर से मिला था।
विभाग के अधिकारियों को जानकारी मिली कि संवेदक का बेटा कोरोना वायरस से संक्रमित है और उसका संवेदक पिता भी इसकी चपेट में आ चुका है। इस खबर के बाद पूरे विभाग में हड़कंप है। अधिकारी यह जानकारी जुटाने लगे कि उक्त संवेदक विभाग के किन-किन अफसरों से मिला था। बाद में जानकारी मिली कि उक्त संवेदक ने दो चीफ इंजीनियर से मुलाकात की थी। विभाग ने आदेश जारी किया है कि दोनों चीफ इंजीनियर अभी कार्यालय नहीं आएंगे और इन दोनों को क्वारंटाइन में रखा जाएगा। साथ ही विभाग की ओर इन दोनों के कार्यालय को भी सील कर दिया गया है।
गौरतलब है कि बिहार में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पल्स-पोलियो अभियान की तरह हर घर चल रहे सर्वे में अब-तक 75 लाख 72 हजार घरों में लोगों की स्क्रीनिंग हुई है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार का दावा है कि इस स्क्रीनिंग में 3180 लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार के सामान्य लक्षण पाए गए हैं। इन सभी के सैंपल की जांच कराई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 19 नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 422 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, रोहतास में 11, सीतामढी में चार, पटना एवं सारण में दो-दो नए मामले प्रकाश में आए हैं। बिहार के कुल 38 जिलों में से 29 जिले कोरोना से प्रभावित हैं। वहीं, राज्य में अब तक 84 मरीज ठीक भी हुए हैं।