एक बहुत पुरानी कहावत है कि जब सैंया हो कोतवाल तो डर काहे का। पर जब हम खुद ही कोतवाल हैं तो वह डर और भी खत्म हो जाता है और अगर जनता ने पावर दिया तथा हम सत्ताधीश हो गए तो फिर कोतवाली और नियम कायदे का दायरा तो टूटना लाजमी ही है। उस पर भी अगर पत्नी का जन्मदिन हो तब तो जाना बनता ही है।
दरअसल उपरोक्त लिखी गई सभी पंक्तियों को चरितार्थ किया है जमुई जिले के सिकंदरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी ने। विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी लॉकडाउन से जूझ रहे लोगों की मदद करने के लिए बीते दिनों बढ़-चढ़कर सामने आए थे और जिले में लोगों की वाहवाही का पात्र भी बन रहे थे, फिर उन्होंने कुछ ऐसा किया कि लोग सवाल उठाने लगे हैं।
दरअसल विधायक श्री चौधरी ने लॉकडाउन के दौरान जमुई से पटना चले गए। गौरतलब है कि पूरे देश भर में कोविड-19 को लेकर लॉक डाउन है, जिसमें एक जिले से दूसरे जिले जाने को लेकर अंतर जिला पास की आवश्यकता होती है। पास निर्गत करने के लिए प्रशासन के द्वारा उस जिले में जाने का कारण पूछा जाता है और संतुष्ट होने के बाद ही पास निर्गत किया जाता है। यह सब केवल आम लोगों के लिए ही प्रभावी है।
विधायक जी तो जनता का वोट लेकर कुर्सी पर बैठे हैं, अब भला उनको प्रशासन के पास जाने की याद पास लेने की क्या जरूरत पड़ गई। बीते चार दिन पहले तक सिकंदरा विधानसभा में घूम-घूम कर लोगों के बीच राशन बांट रहे विधायक जी मीडिया की नजरों में थे।
लगातार उनकी तस्वीरें छप रही थी, खबरें आ रही थी, फिर अचानक एक खबर आई कि विधायक बंटी चौधरी अपनी पत्नी का जन्मदिन पटना में मना रहे हैं और वहां लोगों के बीच राशन बांट रहे हैं। जब यह तस्वीर सामने आई तो यह सवाल भी खुद-ब-खुद उठकर सामने आ गया कि आखिर विधायक जी ने जमुई से पटना तक का सफर पूरा कैसे किया।
जब इसकी पड़ताल की गई तो जिला प्रशासन के द्वारा यह साफ कहा गया कि हमने तो विधायक जी को पास निर्गत ही नहीं किया। ऐसे में बिना पास के विधायक जी जमुई से पटना कैसे चले गए। अब यह बता दें कि विधायक जी को पटना जाने के लिए नवादा, शेखपुरा, नालंदा जैसे कोरोना से संक्रमित जिलों से होकर गुजरना पड़ा होगा।
विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी को हमारे द्वारा पास निर्गत नहीं किया गया है, वह पटना कैसे पहुंचे हैं यह वही बता सकते हैं। धर्मेंद्र कुमार, डीएम, जमुई
वहीं पटना में वह स्वयं निवास कर रहे हैं। दूसरा सवाल यह है कि जब विधायक जी जमुई से पटना की यात्रा कर रहे थे तो उन्हें इन जिलों की सीमा पर तैनात पुलिसकर्मियों के द्वारा रोका क्यों नहीं गया और अगर रोका गया तो विधायक जी पटना पहुंचे कैसे। याद तो होगा ही कि कुछ दिन पहले बिहार के नवादा के हिसुआ के विधायक जी अपनी बेटी को लाने कोटा चले गए थे, खूब बवाल हुआ था। उसके बाद एक और सांसद महोदय की बात सामने आई थी, उनसे भी अपनी बेटी की पीड़ा नहीं देखी गई थी।
पास लिया और निकल लिए थे। ऐसे में सिकंदरा के विधायक जी पटना तक पहुंच जाना भी सवाल बन गया है। अब देखना यह है कि इस मामले में प्रशासन के द्वारा किस तरह की कार्रवाई की जाती है। हालांकि इस बाबत पूछे जाने पर विधायक श्री चौधरी ने कि कहा कि बीते 20 अप्रैल के बाद से विधानसभा खुल गया है इसके अलावे उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।