नीतीश जी ये मत भूलिएगा की 243 सदस्यों वाली विधानसभा में महज 43 सदस्यों के साथ आप मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। ये समझौतावादी भारतीय लोकतंत्र का चमत्कार ही है की आपसे अधिक सीटें औऱ वोट प्रतिशत (जन समर्थन) लाने वाली दो-दो पार्टियां उसी सदन में मौजूद रहेंगी जिसके मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आप होंगे। नीतीश जी आपका सातवीं बार बिहार जैसे बड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना बहुत बड़ी बात है। विधानसभा चुनाव 2020 में बिहार की जनता ने बिहार की कमान पुनः N D A के हाथ में सौंप तो दी है पर सत्ता सौंपते हुए भी जनता ने कई संदेश दिए हैं जिन्हें आपको समझना होगा।सच अगर स्वीकर कर सकें तो जनता ने ये जिम्मेदारी आपको दी नहीं बल्कि सौभाग्य से ये आपको मिल गई है।
नीतीश जी आपको अपने दंभ से बाहर आना होगा।गठबंधन चलाते हुए भी आपकी कार्यशैली में सर्वोपरी होने के अहं की झलक विगत में दिखती रही है।चुनावों के दौरान जिस तरह आप मंच से ही लोगों से उलझते दिखे, लालूजी पर बच्चों के संदर्भ में व्यक्तिगत आरोप लगाए, धमदाहा में ग़लती से अंतिम चुनाव बोल गए ये सब दर्शाते हैं की आप या तो अत्यधिक घबराए हुए थे या जैसा की तेजस्वी कहते हैं आप वास्तव में थक गए हैं। अब जब आप मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं आपको इन सबसे आगे बढ़ना होगा।आपके पहले कार्यकाल से ही सड़क, बिजली औऱ कानून व्यवस्था में सुधार ने आपको सुशासन बाबु की उपाधि दी ।वो एक अच्छा दौर था पर आप वहीं रुक गए अब आपको आगे बढ़ कर कुछ ओर कामों को अंजाम की ओर बढ़ाना होगा।
बिहार से पलायन रोकने की दिशा में सशक्त कदम उठाने होंगे।चिकित्साके क्षेत्र में बड़े सुधार करने होंगे। शिक्षा का क्षेत्र पुरी तरह कबाड़ हो चुका है इसमें बड़े परिवर्तन करने होंगे। समुद्र की तलाश छोड़ गंगा औऱ कोसी के किनारे ही ओध्यौगिक विकास की संभावनाएं तलाशनी होंगी, बाढ़ का स्थायी समाधान खोजना होगा औऱ हां वो ओवैसी जी भी बिहार में तगड़े ढंग से आ चूके हैं ,उनकी राजनीति औऱ बोल आपसे छुपे नहीं सो ध्यान रखिएगा।आपसे अच्छे प्रशासन की आशा के साथ आपको ढ़ेर सारी बधाई….. शुभकामनाएं
-Anand Sharma