भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Asembly Election) के लिए एक इंटरनल सर्वे कराया है. यह सर्वे पार्टी के जनरल सेक्रेटरी, एमएलसी और प्रदेश उपाध्यक्षों के 90 लोगों की टीम ने की है. सूत्रों की मानें तो सर्वे 25 से 28 अगस्त के बीच किया गया है. तीन दिनों तक इस टीम ने पार्टी के मंडल स्तर तक जाकर जानकारी इकट्ठा की है. सर्वे के आधार पर जो रिपोर्ट बीजेपी के पास आई है वो चौंकाने वाली है. दरअसल, बीजेपी के इस आंतरिक सर्वे में यह बात सामने आई है कि बिहार में 15 साल से सत्ता के शीर्ष पर बैठे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के खिलाफ इस बार एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर काफी अधिक है.
सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि भाजपा को छोड़ने और आरजेडी के साथ जाने, फिर आरजेडी को छोड़कर बीजेपी के साथ आने के नीतीश कुमार के फ़ैसले के बाद उनकी विश्वसनीयता पर लोग संदेह करने लगे हैं. इसके अलावा सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि लालू प्रसाद यादव को लेकर नीतीश कुमार कहीं न कहीं सॉफ्ट हैं. वहीं, बीजेपी के बड़े से बड़े नेता लालू पर सीधा हमला करते हैं. इसके अलावा नीतीश कुमार के इस कार्यकाल के पांच साल के काम से लोग खुश नहीं हैं. सूत्रों की मानें तो बीजेपी की इस सर्वे टीम ने अपनी रिपोर्ट बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को दे दी है. कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा भी की है. यही वजह है कि भाजपा ने इस चुनाव में यह तय किया है कि वो ज़्यादा जोर पीएम नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर ही देगी. भाजपा का इस बार का चुनावी नारा भी प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की तर्ज़ पर आत्मनिर्भर बिहार है.
बहरहाल, बीजेपी के इंटरनल सर्वे पर जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हज़ारी ने कहा है कि नीतीश कुमार की लोकप्रियता घटी नहीं है, बल्कि बढ़ी है. इस बार फिर उनके चेहरे पर बिहार में सरकार बनेगी. वहीं, आरजेडी नेता भाई विरेंद्र ने इसी बहाने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तो उनके सहयोगी भी समझ चुके हैं कि नीतीश कुमार की ज़मीन खिसक गई है.