राज्य के किसी भी सरकारी पदाधिकारी या कर्मचारी के कारण संबंधित विभाग, संगठन या सरकार को कोई क्षति होती है तो उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी। गृह विभाग के प्रधान सचिव अमानुल्लाह के 9 जून 2008 के पत्र का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी आरडीडीई, डीईओ और डीपीओ को पत्र भेजा है। सरकार ने कहा है अधिकारी या कर्मी का नियोक्ता राज्य सरकार है, इसलिए सरकार ही कार्रवाई की प्रकृति भी तय करेगी। कहा कि सरकार के इस निर्णय का गंभीरता से पालन सुनिश्चित की जाए।
2008 का हवाला; सरकार नियोजक, वही बताएगी कार्रवाई की प्रकृति, दरभंगा केस के बाद विभाग ने लिखा पत्र
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि दरभंगा जिले के एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर हाल में ही केस दर्ज कराया गया था। नियमानुसार बीईओ का नियोक्ता शिक्षा विभाग का प्राथमिक शिक्षा निदेशालय है, इसलिए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से अनुमति लेकर ही केस दर्ज होना चाहिए था।
9 जून 2008 के पत्र में स्पष्ट दिए गए हैं निर्देश गृह विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव अमानुल्लाह के 9 जून 2008 को सभी विभागों को पत्र भेजा था। इसमें कहा गया है कि किसी सरकारी कर्मी पर संबंधित विभाग या संगठन के परामर्श से ही आपराधिक मामला दर्ज हो सकेगा। प्राथमिकी के समय यह सुनिश्चित कर लेना आवश्यक है कि दोष आपराधिक प्रवृत्ति का है।