बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में दो जगहों पर पुरातात्विक खुदाई होगी। इसको लेकर जगह भी चिह्नित कर ली गई है। वहीं, प्रदेश सरकार की ओर से खुदाई को लेकर भारतीय पुरातत्व विभाग (Archaeological Department of India) से अनुमति मांगी गई है। कला संस्कृति विभाग द्वारा संचालित बिहार विरासत विकास समिति के जिम्मे प्राचीन पटना के इस गौरवशाली इलाके में इतिहास के पन्नों पर जमी धूल को प्रकाश में लाने का काम होगा।
इस दौरान CM नीतीश कुमार ने शुक्रवार को इतिहास को ढूंढने के लिए चिह्नित किए गए जगहों गुलजारबाग प्रेस भवन कैंपस और बीएनआर टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज का निरीक्षण किया। पुरातात्विक खुदाई को लेकर विशेषज्ञों एवं अधिकारियों के साथ चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। गुलजारबाग प्रेस भवन कैंपस के निरीक्षण के बाद सीएम ने कहा कि पाटलिपुत्र वही है जो आज पटना साहिब कहलाता है। उन्होंने बताया कि पुरातात्विक खुदाई को लेकर यहां से रह रहे लोगों को हटाना संभव नहीं है। अगर कहीं सरकारी जमीन है तो उसको देखकर वहां कुछ खुदाई की जाए तो बहुत जानकारी मिल सकती है। हालांकि, सीएम ने बताया कि ये पाटलिपुत्र है, यहां का इतिहास लगभग 2 हजार साल पुराना है। यदि एक बार यहां के बारे में कुछ पता चल जाए तो यहां कितने टूरिस्ट आएंगे।साथ ही नई पीढ़ी के लोग इसके बारे में ठीक से जान पाएंगे। इसके लिये हम लोगों की शुरू से ही इच्छा रही है लेकिन कहीं जमीन नहीं रहने के कारण कुछ कर नहीं पा रहे हैं।
BNR में पुरातात्विक खुदाई पर की चर्चा
सीएम नीतीश कुमार ने BNR टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के निरीक्षण में गए। वहां भी पुरातात्विक खुदाई को लेकर विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ निरीक्षण के दौरान कई बिंदुओं पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद CM ने कहा कि हमने पुरातात्विक खुदाई को लेकर पहले ही बता दिया है कि जो सरकारी एरिया है, उसमें खुदाई कर सकते हैं। लेकिन यहां पर हम आए हैं और कैंपस को देखे हैं। यहां पर स्कूल को और एक्सटेंशन करने की जरूरत है। एक ओर बच्चियों के खेलने की व्यवस्था रहेगी और जो जगह बचेगा, उसमें खुदाई किया जा सकता है।