एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) एवं जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) से पीड़ित रोगियों के लिए मुजफ्फरपुर में बने देश के पहले सौ बेड के शिशु गहन चिकित्सा (पीकू-पीडियाटिक इंटेसिव केयर यूनिट) अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छह जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस से करेंगे। उद्घाटन सत्र में राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहेंगे। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को दी।
मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष उत्तर बिहार के दस जिलों में इन दो बीमारियों के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सौ बेड का पीकू अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया था। इसका शिलान्यास 25 सितंबर 2019 को किया गया। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच), मुजफ्फरपुर में 72 करोड़ की लागत से बने देश के पहले 102 बेड के इस अस्पताल में आधुनिक पद्धति से इलाज की व्यवस्था की गई है। इस अस्पताल का निर्माण रिकॉर्ड आठ महीने में किया गया है। अस्पताल में कुल 102 बेड हैं। इसमें गंभीर मरीजों के लिए 10 ट्राइएज बेड, 90 पीकू बेड एवं दो आइसोलेशन बेड शामिल हैं। पीकू के सभी बेड पर पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। मंगल पांडेय ने कहा कि नवनिíमत पीकू अस्पताल में मरीजों के अत्याधुनिक तरीके से इलाज के लिए 20 वेंटिलेटर, 102 काíडयक मॉनीटर, 21 रेडिएंट वार्मर, 90 सीरिंज पंप, 51 नेबुलाइजर, 02 डिफिब्रीलेटर, 102 इन्फ्यूजन पंप, 21 पोर्टेबल सक्शन, 51 पेडिएटिक्स लेरिंजोस्कोप, 08 प्रोसड्यूरोलाइट, 34 अम्बू बैग, 15 ब्रेस्ट पम्प, सीबीसी मशीन एवं पूर्णत: ऑटो बायोकेमेस्ट्री एनालाइजर लगाए गए हैं। साथ ही इंफेक्शन कंट्रोल के लिए भी मशीनें लगाई गई हैं। इसके अलावा आने वाले रोगियों के स्वजनों के लिए यहां 50 बेड की धर्मशाला भी बनाई गई है।
मातृ शिशु सदन व पीकू वार्ड में बढ़ेंगी सुविधाएं
एसकेएमसीएच के नवनिíमत एईएस वार्ड, पीकू वार्ड व एमसीएच और सदर अस्पताल में बने मातृ-शिशु सदन का शुभारंभ शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। इसको लेकर जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने दोनों अस्पतालों का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। अस्पताल अधीक्षक डॉ.सुनील कुमार शाही व पीकूवार्ड निर्माण कार्य में लगे प्रोजेक्ट मैनेजर बृजमोहन कुमार से कई बिंदुओं पर विचार विमर्श किया।
मिलेगा समुचित इलाज का लाभ
एसकेएमसीएच में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वातानुकूलित सौ बेड का पीकू वार्ड तैयार किया गया है। यहां सभी आवश्यक उपकरण व मशीनों से लेकर अन्य संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। इससे बच्चों को समुचित इलाज का लाभ मिलेगा। यहां इलाज को आने वाले बच्चे के स्वजनों के लिए भी रहने व बैठने की विशेष व्यवस्था की गई है। वहां से बच्चे के चल रहे इलाज की पल-पल की जानकारी उन्हें टीवी पर देखने को मिलेगी। मृत्यु दर भी शून्य हो इस पर भी स्वास्थ्य विभाग का मंथन जारी है।