बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बिहार विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Election)के मद्देनजर एक बड़ा दांव खेला है और जातियों के लिए जनसंख्या-आधारित आरक्षण (Population-based reservation) का समर्थन किया है. वाल्मीकिनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने गुरुवार को कहा कि जनगणना के आंकड़े उपलब्ध होने के बाद इसे लागू किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जहां तक संख्या का सवाल है, जनगणना होगी तब उसके बारे में निर्णय होगा. यह निर्णय हमारे हाथ में नहीं है.
हालांकि नीतीश कुमार ने यह नहीं बताया कि अगर वह जाति-आधारित जनगणना के आंकड़ों के बारे में बात कर रहे हैं, तो उन्होंने अक्सर 2021 की जनगणना में उस डेटा को लाने की मांग की है. उन्होंने पहले भी कई अवसरों पर कहा है कि सभी जातियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए.
सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि जहां तक जनसंख्या का सवाल है तो यह जनगणना के बाद ही तय किया जाता है और यह निर्णय (जनगणना पर) हमारे हाथ में नहीं है. लेकिन, हम चाहेंगे कि आरक्षण जातियों की जनसंख्या के अनुपात में हो. इस पर हमारी कोई दो राय नहीं है.
सीएम नीतीश ने कानून और व्यवस्था पर अपने रिकॉर्ड को लेकर राजद पर हमला किया, और तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियों के वादे पर तंज कसा. उन्होंने बार-बार लोगों को बताया कि उनकी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सहयोग से बिहार के विकास के लिए काम किया है.
नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के पहली कैबिनेट में ही 10 नौकरियों की बात पर कहा कि मैं कहता हूं कि पिछले 10 वर्षों में एक करोड़ छात्रों ने 10 + 2 परीक्षा (इंटरमीडिएट परीक्षा) उत्तीर्ण की है, उन सभी को नौकरी क्यों नहीं दी जाती है? क्या इन नौकरियों के लिए धन आसमान से आएगा?
नीतीश कुमार ने दावा किया कि जब राजद 15 साल तक सत्ता में था, तो उसने सिर्फ 95,000 लोगों को नौकरी दी, जबकि उसके 15-शासन के दौरान छह लाख लोगों को नौकरी मिली और अन्य काम के अवसर भी उपलब्ध हुए.
उन्होंने कहा कि पहले हत्या और नरसंहार की कई घटनाएं हुआ करती थीं, लेकिन उनकी सरकार ने अपराध को नियंत्रित किया और कानून का शासन स्थापित किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग और महादलित सहित समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया है.
बता दें कि वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट 7 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोट पड़ेंगे. यहां से जदयू सांसद बैद्यनाथ महतो की मृत्यु के कारण उपचुनाव हो रहे हैं. जदयू ने इस सीट से दिवंगत वैद्यनाथ महतो के बेटे सुनील कुमार को उम्मीदवार बनाया है.