रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी टूट गई है। बेटे चिराग पासवान अब अकेले हो गये हैं। चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ 6 मे 5 सांसद चले गये हैं। पांचों सांसदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदों से हटा दिया है और चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का जिम्मा भी सौंपा गया है। पारस ने अब पार्टी पर दावा ठोकने को लेकर चुनाव आयोग का दफ्तर खटखटाया है। इधर चिराग ने चाचा पारस के सामने सरेंडर कर दिया है और अंतिम दांव चला है। चिराग पासवान अपने चाचा के घर पहुंचे। करीब पंद्रह मिनट तक गेट पर खड़े रहने के बाद चाचा का गेट खुला। चिराग घर में तो गये लेकिन चाचा से मुलाकात नहीं हुई। एक घंटे इंतजार के बाद चिराग बेआबरू होकर चाचा के घर से निकल गये।
लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर सौंपा था पत्र
इसके साथ ही लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंसराज की चिराग से राहें अलग हो गई हैं। रविवार देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी। बाद में पांचों सांसदों ने अपने फैसले की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी दी।सभी पांचो विधायक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के पास सशरीर हाजिर हो गये और बता दिया कि छह में से पांच सांसद साथ हैं। अब चिराग पासवान अकेले रह गये हैं।
चिराग ने चला अँतिम दांव
LJP में टूट के बाद चिराग पासवान चाचा पशुपति पारस के घर पहुंचे. बताया जाता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने को तैयार हो गए हैं। चिराग चाचा पशुपति पारस से मिलने उनके घर पहुंचे.आधे घंटे घर के बाहर खड़े रहने के बाद उन्हें अंदर आने की परमिशन मिली। पूरे घटनाक्रम को चिराग के नए और आखिरी दाव के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि चिराग को लेकर पार्टी में जबर्दस्त नाराजगी थी। पार्टी के विधायक तो पहले ही LJP का दामन छोड़ चुके थे, अब 5 सांसदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदों से हटा दिया है। साथ ही चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का जिम्मा भी सौंपा गया है।