हर कोई अपने-अपने स्तर से शिक्षकों का सम्मान कर रहे हैं। उन्हें नवाज रहे हैं। लेकिन आज शिक्षक दिवस के मौके पर कटिहार से शिक्षा की अनोखी तस्वीर सामने आई है। जिले के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। स्कूल भी बंद हैं। ऐसे में यहां के तीन शिक्षकों ने अपने इलाकों में नाव पर ही पाठशाला खोल ली है। वे बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इससे बच्चों के अभिभावक तो खुश हैं ही, इलाके की जनता भी उन्हें सैल्यूट कर रही है।
कटिहार के मनिहारी अनुमंडल की मारालैंड बस्ती का यह मामला है। इसमें तीन शिक्षक नाव पर पाठशाला खोलकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बच्चों को पढ़ाने में शामिल कुंदन, पंकज और रविंद्र बच्चों को नाव में ही शिक्षा दे रहे हैं। दरअसल, बाढ़ की वजह से सरकारी स्कूल बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई थी। बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए तीनों शिक्षकों ने नाव में ही छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया।
शिक्षकों का कहना है कि वे लोग स्थानीय हैं और इस इलाके के बच्चों को पिछले कई वर्षों से फ्री में शिक्षा दे रहे हैं। बाढ़ में सरकार अन्य सुविधा मुहैया करवा ही रही है, तो वे लोग अपने स्तर से नाव पर ही पाठशाला शुरू कर दी। ताकि बच्चे शिक्षा से दूर नहीं रहे। दूसरी ओर, इस अनोखी पाठशाला में पढ़ने आए छात्र-छात्राएं कहते हैं कि पूरा इलाका जलमग्न है। नाव ही सबसे सुरक्षित जगह है, इसलिए उन लोगों को भी नाव वाली पाठशाला में पढ़ने में कोई परेशानी नहीं है। हर दिन नियमित समय पर बच्चे नाव के सहारे नाव पर चल रही पाठशाला में पहुंचते हैं और पढ़ाई करते हैं। यहां उत्क्रमित मध्य विद्यालय पटनी महेशपुर, गांधी टोला प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय मुसहरी टोला और कन्या बालिका उच्च विद्यालय के बच्चे पढ़ने के लिए पहुंचते हैं।