जिले में इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज से शुक्रवार की सुबह लगभग 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया। जिससे जिले के निचले इलाके सहित झंडू टोला स्थित एसएसबी कैम्प में पानी घुस गया है। इससे स्थानीय लोगों के साथ एसएसबी जवानों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। वहीं, गुरुवार देर रात भी गंडक नदी में 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
बता दें कि नेपाल में हो रही भारी बारिश से नदियों के जलस्तर में बढोत्तरी हुई है। इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज से शुक्रवार की सुबह 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिसके बाद एक बार फिर जिले में हालात बिगड़ गए हैं। नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ, तो झंडू टोला स्थित एसएसबी कैंप में पानी घुस गया है। जिससे एसएसबी जवानों की परेशानी बढ़ गई है।
वहीं, वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की ओर से गंडक नदी में गुरुवार की रात 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। लिहाजा एहतियातन गंडक बराज के सभी 36 फाटकों को खोल दिया गया है और जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
जलस्तर बढ़ने से गंडक नदी के निचले इलाकों खासकर चकदहवा, झंडू टोला और पिपरासी प्रखण्ड के सेमरा लबेदहा सहित कई क्षेत्रों में फिर से बाढ़ का पानी घुस गया है। एसएसबी ने झंडू टोला गांव के लोगों को कैम्प के सामने बांध पर सुरक्षित शरण दिया है। इतना ही नहीं वाल्मीकिनगर स्थित हवाई अड्डा भी जलमग्न हो गया है।
नेपाल में हो रही भारी बारिश को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि जलस्तर में और ज्यादा वृद्धि हो सकती है। इससे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किल बढ़ सकती है। खासकर बगहा और बेतिया के निचले इलाकों समेत गोपालगंज जिले में बाढ़ का खतरा एक बार फिर लोगों के परेशानी का सबब बन सकता है।