जिस तरह से बिहार में लॉकडाउन उल्लंघन का मामला सामने आया है, उसे देखते हुए अब और सख्ती बरतने का आदेश दिया गया है। अब लॉकडाउन के दरम्यान सिर्फ राजधानी ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में सड़कों पर कार और बाइक नहीं चलेगी। सब्जी, राशन, दूध और जरूरत के दूसरे सामान खरीदने के लिए पब्लिक को पैदल ही आना-जाना होगा। इसके लिए डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की तरफ से सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया गया है। रविवार की रात डीजीपी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी।
इस पूरे मामले पर सोमवार को डीजीपी ने बताया कि राज्य के अंदर रोड पर अब सिर्फ वही गाड़ियां चलेंगी, जिन्हें प्रशासन की तरफ से पास निर्गत किया गया है। जो गाड़ियां इमरजेंसी सेवा में चल रही हैं। जो इशेंसियल सर्विस में है।इनके अलावा मीडिया के लोगों की गाड़ी सड़क पर दौड़ेगी। पूरी तरह से स्पष्ट है कि कार और बाइक से किसी को सब्जी, राशन और दूध लाने नहीं जाना है। इसके लिए पैदल ही जाना होगा।
वेंडिंग जोन बनाने के निर्देश
गुप्तेश्वर पांडेय के अनुसार सभी जिलों के डीएम और एसएसपी व एसपी को जगह चिन्हित कर वेंडिंग जोन बनाने को कहा है। ताकि उसी वेंडिंग जोन में जाकर लोग सब्जी-फल खरीद सकें। अब तक यह हो रहा था कि सब्जी-फल खरीदने के लिए लोगों की मंडियों में लोगों की पब्लिक की भीड़ उमड़ जा रही थी। ऐसे में पब्लिक सोशल डिस्टेंस मेंटेन नहीं कर रही थी। लेकिन वेंडिंग जोन में पब्लिक को सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना होगा। इसे पुलिस पूरी जिम्मेवारी के साथ मेंटेन कराएगी।
बेवजह रोड पर दिखे तो सीधे जाएंगे जेल
अब बाइक, कार के अलावा पैदल में भी बेवजह कोई रोड पर या अपने घर के बाहर घूमते हुए पकड़ा गया तो पुलिस उसे छोड़ने वाली नहीं है। बेवजह घर से बाहर निकले लोगों के खिलाफ पूरी सख्ती बरतने का आदेश दिया गया है। ऐसे लोगों को लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में गिरफ्तार कर सीधे जेल भेजने का आदेश दिया गया है। साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ 24 घंटे में चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। डीजीपी पहले भी कह चुके हैं कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के नाम गुडा रजिस्टर में दर्ज करने के साथ-साथ वैसे लोगों को एफआईआर दर्ज कर स्पीडी ट्रायल करा सजा दिलाई जाएगी। गौरतलब है कि 24 मार्च से लेकर 12 अप्रैल तक बिहार में लॉकडाउन उल्लंघन के 908 एफआईआर दर्ज किए जा चुके हैं। 706 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
दर्ज हुए 2 दर्जन एफआईआर
सोशल मीडिया के जरिए राज्य के अंदर सामाजिक नफरत फैलाई जा रही है। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि इस तरह के हरकतों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस की टीम लगातार सोशल नेटवर्क पर भी कड़ी मॉनिटरिंग कर रही है। यही वजह है कि लॉकडाउन पीरियड में भी सामाजिक नफरत फैलाने के मामले में दो दर्जन एफआईआर दर्ज किए गए हैं। इस मामले में दोषियों की गिरफ्तारी भी होगी और उन्हें सजा भी दिलाया जाएगा। इस तरह के मामलों में आगे भी किसी को बख्शा नहीं जाएगा।?
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