बिहार के गया में (Gaya) स्थित सेना का ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) बंद हो सकता है। एजेंसी की खबरों के मुताबिक भारतीय सेना (Indian Army) ने गया स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी को बंद करने का निर्णय लिया है, क्योंकि यह अपनी क्षमता के अऩुरूप कैडेट्स को तैयार करने में अब तक नाकाम रहा है। सेना (Army) के इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय की भी मंजूरी मिल गई है और जल्द ही ओटीए गया को बंद करने का आदेश जारी किया जा सकता है।
सेना द्वारा इसे बंद करने के प्रस्ताव पर विचार की बात छह माह पहले से ही चल रही था। इस प्रस्ताव की जानकारी लीक होने पर गया के सामाजिक कार्यकर्तओं ने काफी विरोध जताया था और इसको लेकर औरंगाबाद के भाजपा सांसद सुशील कुमार ने लोकसभा में भी इसे बंद करने के बजाय इसकी क्षमता के अनुसार इसके उपयोग करने की मांग की थी। सांसद और स्थानीय लोगों की मांग के विपरीत रक्षा मंत्रालय़ ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है। केन्द्र सरकार के रक्षा मंत्रालय़ के इस फैसले से लोगों में काफी नाराज है।
ओटीए बचाओं संघर्ष समिति के माध्यम से विजय कुमार मिट्ठु ने केन्द्र सरकार के रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा नाराजगी जतायी है और निर्णय को गलात बताते हुए इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है। इस संबंध में गया ओटीए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सुनील कुमार श्रीवास्तव ने 16 वीं पासिंग आउट पैरेड के अवसर पर पिछले सप्ताह न्यूज 18 के सवाल के जवाब में कहा था कि सेना देशहित में निर्णय लेती है और उसके निर्णय से गया के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ओटीए के नहीं रहने पर सेना के ही किसी अन्य इकाई को यहां शिफ्ट किया जा सकता है और उनके इस क्षेत्र का सेना बेहतर तरीके से कर सकेगी।
गौरतलब है कि गया स्थित ओटीए देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी चेन्नई के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा कमिशन पूर्व प्रशिक्षण अकादमी है। यहां 750 कैडेट्स के प्रशिक्षण की क्षमता है लेकिन वर्तमान में यहां 250 कैडेट्स प्रशिक्षण ले रहें हैं और ऐसी उम्मीद है कि इस ओटीए को बंद करने के बाद यहां के कैडेट्स को देहारदून स्थित आईएमए शिफ्ट कर दिया जायेगा।
1976 में तत्कालीन रक्षामंत्री स्व जगजीवन बाबू द्वारा गया के पहाड़पुर में सेना सेवा कोर (उत्तर) की स्थापना की गई थी और उसे 2011 में यहां से बंगलुरू शिफ्ट किया गया। सेना सेवा कोर के बंगलुरू शिफ्ट करने की सूचना पर गया के लोगों ने काफी आन्दोलन किया था जिसके बाद 2011 में ही भारत सरकार ने यहां ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी शुरू करने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के बाद तत्कालीन सेनाध्यक्ष और वर्तमान मे भारत सरकार मंत्री ने ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी का विधिवत उद्घाटन गया में किया था।उद्घाटन के बाद से ओटीए में 16 पासिंग आउट परेड हो चुकें हैं और यहां से प्रशिक्षण पाये हजारों कैडेट्स सेना में अधिकारी बनकर देश की रक्षा में लगे हुए हैं।