पटना पुलिस की एसटीएफ ने मंगलवार को खुसरूपुर में हैंडपंप की फैक्ट्री पर छापा मारा। हैंडपंप बनाने के नाम पर चल रही फैक्ट्री में पिस्टल बनाए जा रहे थे। यह पहला वाकया नहीं है जब खुसरूपुर में फैक्ट्री किसी और सामान की थी और अंदर बन कुछ और रहा था। इसी थाना क्षेत्र में माचिस की फैक्ट्री में बम बनाया जा रहा था। 2005 में इस फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था और 20 से अधिक लोग मारे गए थे। खुसरूपुर में जिस अवैध हथियार फैक्ट्री पर पुलिस ने छापा मारा है उसके तार मुंगेर से जुड़े हैं। मुंगेर अवैध हथियार निर्माण का गढ़ रहा है। पुलिस की सख्ती के चलते धंधेबाज मुंगेर से बंदूक बनाने की फैक्ट्री को दूसरे जिलों में ले गए। कुछ दिनों पहले वैशाली में भी अवैध बंदूक फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था और उसके तार भी मुंगेर से जुड़े थे।
एसटीएफ ने गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार को खुसरूपुर थाना क्षेत्र के ईशोपुर स्थिति हैंडपंप फैक्ट्री में छापेमारी की। पुलिस को यहां से लगभग दो दर्जन तैयार और अर्धनिर्मित सात एमएम के पिस्टल मिले। फैक्ट्री में पिस्टल बनाने के उपकरण और मशीन बरामद किए गए हैं। पुलिस ने मौके से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी पिस्टल बनाने वाले मुंगेर के रहने वाले हैं। दूसरी ओर एसटीएफ ने खगड़िया जिले में भी एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया है। एसटीएफ और खगड़िया जिला पुलिस ने मुफ्फसिल थाना इलाके के जुबली पेट्रोल पंप के पास एक लॉज पर छापा मारा। लॉज में मिनी गन फैक्ट्री चल रही थी। पुलिस को यहां से अर्ध निर्मित हथियारों का जखीरा बरामद किया।