नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 204 दिनों बाद शुक्रवार को अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर पहुंचे हैं। इससे पहले वह 2 दिसंबर 2020 को एक शादी में शामिल होने मोहनपुर आए थे। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तेजस्वी ने अपने क्षेत्र के लिए एक करोड़ की राशि दी थी। अब सशरीर इलाके की समस्या जानने पहुंचे हैं। हालांकि, आते ही आज उन्हें काले झंडे भी देखने पड़े।
तेजस्वी पटना की ओर से अपनी कार सहित नाव पर सवार होकर ही राघोपुर दियारा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गंगा नदी की वजह से दियारा में हो रहे कटाव का जायजा लिया। इसके बाद बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि द्वेष की भावना से इस इलाके में विकास का काम धीमा हो गया है।
तेजस्वी ने कहा कि जब हम डिप्टी सीएम थे, तब 900 करोड़ खर्च किए थे।
तेजस्वी यादव से मीडिया कर्मियों ने जब इलाके में विकास के कामों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने सारा दोष सरकार पर डाल दिया। कहा कि यहां कई जगह कटाव की समस्या है। जब हम डिप्टी सीएम थे, तब 900 करोड़ खर्च कर विकास का काम किए थे। अब सरकार बदल गई है।
कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच बन रही सिक्स लेन पुल निर्माण में हो रही देरी पर कहा कि इसे अब तक बन जाना चाहिए था। नीतीश कुमार द्वेष की भावना से काम कर रहे हैं। अब हम तो सरकार में नहीं हैं। देर क्यों हो रही है, यह सरकार से ही पूछा जाना चाहिए।
65 दिनों बाद बिहार आए हैं नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कोरोना के पीक टाइम में बिहार से गायब रहे। वे अप्रैल मध्य में दिल्ली चले गए थे। करीब 65 दिनों बाद बुधवार को पटना पहुंचते ही एयरपोर्ट पर कहा कि वे नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ लालू प्रसाद के बेटे भी हैं। सभी जानते हैं कि उनकी तबीयत का ध्यान रखना जरूरी है। हालांकि, इधर पटना में सत्ता पक्ष के नेता उन्हें लगातार खोजते रहे हैं। तेजस्वी आज राघोपुर पहुंचे तो जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने भास्कर से कहा कि अच्छा है, उन्हें सद्बुद्धि आई है।
मेदनी चौक पर काला झंडा दिखाया
राघोपुर में आज कुछ युवाओं ने तेजस्वी को काला झंडा दिखा दिया। वो कर्मोपुर गांव के कटाव का जायजा लेने के बाद लंका टोला जा रहे थे। इसी क्रम में मेदनी चौक पर उन्हें काला झंडा दिखाया गया। ग्रामीणों का कहना था कि तेजस्वी कोरोना काल में देखने तक नहीं आए, अब राजनीति करने दो माह बाद आए हैं।