गांधी के सिंद्धातों और उनके विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिये शुरू की गई चंपारण शताब्दी योजना ने लिम्का बुक में जगह बना ली है । नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुई इस योजना में बिहार के प्रत्येक लोगों तक गांधी के संदेशो को पहुँचाने का काम किया ।
बापू आपके द्वार नाम के इस फोल्डर ने पहुंचाया गांधी का संदेश
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 10 अप्रैल 1917 को नील की खेती करने वाले बिहार के किसानों को अंग्रेजों के जुल्म से मुक्ति दिलाने बिहार आए थे। वर्ष 2017 में गांधी की चंपारण यात्रा का बिहार सरकार ने शताब्दी समारोह मनाया। इस दौरान सालभर गांधी के विचारों को घर-घर पहुंचाने के लिए दर्जनों कार्यक्रम हुए। सरकार ने अपने खजाने की अच्छी-खासी राशि गांधी के संदेशों को लोगों तक पहुंचाने के लिए खर्च की। समारोह के दौरान व्यापक जन भागीदारी बनी।
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने बिहार के इस अभियान को विश्व रिकॉर्ड का दर्जा दिया है। साथ ही गांधी के विचारों को लेकर इसे दुनिया का सबसे बड़ा अभियान माना है। लिम्का की संपादक वत्सला कौल बनर्जी ने गुरुवार को बिहार की इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी शिक्षा विभाग को दी। साथ ही विश्व रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र भेजा। चंपारण शताब्दी समारोह के सूत्रधार तथा शिक्षा विभाग के शोध प्रशिक्षण निदेशक विनोदानंद झा ने कहा कि यह राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की बड़ी कामयाबी है।
बिहार का दूसरा रिकॉर्ड
डेढ़ करोड़ लोगों तक पहुंचा बापू का संदेश लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने जनशिक्षा निदेशालय और बिहार राज्य साक्षरता मिशन द्वारा चंपारण शताब्दी समारोह के मौके पर खासतौर से ‘बापू आपके द्वार’ नामक फोल्डर के प्रकाशन का जिक्र किया है। इस फोल्डर द्वारा गांधी के संदेशों को बिहार के डेढ़ करोड़ घरों तक 46 हजार साक्षरताकर्मियों द्वारा पहुंचाया गया, लिमका ने इसे विशेष रूप से उद्धृत किया है।