आज 22 मार्च है। बिहार आज 108 साल का हो गया है। आज ही के दिन 22 मार्च, 1912 को इस बड़े राज्य की स्थापना हुई थी। 108वें बिहार दिवस के अवसर पर बिहारियों ने पहली बार एक बड़ा मिसाल पेश किया है। शायद ही ऐसा समय आया होगा कि इतने बड़े अवसर पर भी सभी बिहारी अपने घरों में कैद होंगे। बिहार की सड़कें सुनसान होंगी। लेकिन आज एक जानलेवा कोरोना वायरस ने विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। वर्ल्ड में 19 लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। जबकि 13 हजार से अधिक लोगों ने दम तोड़ दिया है। वहीं, दूसरी ओर बिहार के लोग विश्व के सामने अपना लोहा मनवा रहे हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज पूरे देश में ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान किया गया है। बिहार भी इस मुहीम में सबसे आगे खड़ा है। भारत में अब तक 300 से अधिक लोग इस कोरोना वायरस की आगोश में आ गए हैं। भारत में 4 लोगों की मौत हो चुकी है। इंडिया में कुल 22 राज्य इससे प्रभावित हैं। लेकिन ख़ास बात ये है कि बिहार में इस कोरोना की एंट्री नहीं हुई है। बिहार अभी फ़िलहाल सुरक्षित है। इतनी आबादी होने के बावजूद भी बिहार अभी कोरोना संक्रमित राज्यों की सूची से बाहर है। इस कोरोना को देश से भगाने के लिए आज हर एक बिहारी देश के साथ खड़ा है। हर बिहारी जनता कर्फ्यू में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
बिहार दिवस के दिन भारत में पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू का आह्वान किया गया है। इसका असर राजधानी पटना समेत भारत के कई शहरों में देखने को मिल रहा है। जनता कर्फ्यू के दिन बिहार सुर्ख़ियों में छा गया है। आज जनता कर्फ्यू के दिन बिहारियों की बहादुरी का हर कोई चर्चा कर रहा है। जनता कर्फ्यू का असर बिहार की राजधानी पटना में भी दिख रहा है। पटनावासी अपने-अपने घरों में कैद हो गए हैं। राजधानी की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। दुकानें बंद हैं। बाजार में लोग दिखाई नहीं दे रहे हैं। मॉर्निंग वॉक करने के लिए भी सड़क पर नहीं दिखें। बस सेवा ठप कर दी गई है। ट्रेन की रफ़्तार पर भी ब्रेक लग गया है। जनता कर्फ्यू के कारण हिंदुस्तान में आम जान जीवन की रफ़्तार आज थम गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज पुरे देश में ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देशवासियों से कोरोना वायरस को हराने के लिए 22 मार्च को एक जनता कर्फ्यू का आयोजन करने का आह्वान किया था। आज उस आह्वान का बड़ा असर देखने को मिल रहा है।
जनता कर्फ्यू के दौरान जनता से घर में रहने की अपील की है। शनिवार रात से रविवार रात तक देश में रेल यातायात ठप कर दिया गया है, यात्रियों को प्रतीक्षालयों में रखा जायेगा। हालांकि जो ट्रेनें पहले से चल रही हैं। उनकी सेवाएं चालू रहेंगी। रेल मंत्रालय की ओर से सभी महाप्रबंधकोंको को निर्देश जारी किया गया है जिसके अनुसार 21-22 मार्च को आदेशानुसार समय अवधि के दौरान कोई भी जोन अपने यहां से कोई ट्रेन नहीं चलाएगा। भारत के कई बड़े शहरों में लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जनता कर्फ्यू’ के पालन के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने शनिवार रात 12 बजे से रविवार रात 10 बजे के बीच देश में रेल यातायात को पूरी तरह बंद रखने का निर्णय लिया है।
भारत में यह कोरोना का असर अब तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना से देश के 22 राज्य प्रभावित हैं। देशभर में शनिवार को कोरोना से संक्रमित मरीजों के 70 नए केस सामने आये हैं। भारत में अब कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 329 हो गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के बढ़ते असर कोई शुभ संकेत नहीं है। महाराष्ट्र और राजधानी दिल्ली के आलावा केरल, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान और तेलंगाना में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
भारत में अब तक कोरोना वायरस से 4 मरीजों की मौत हो चुकी है। इस वायरस से महाराष्ट्र में 63 और दिल्ली में 26 लोग इससे संक्रमित हैं। महाराष्ट्र में एक की मौत हो गई है। अगर राज्यवार आंकड़ों की बात करे तो आंध्र प्रदेश में 3, छत्तीसगढ़ में एक, दिल्ली में 26, गुजरात में 13, हरियाणा में 20, हिमाचल प्रदेश में 2, कर्नाटक में 18, केरल में 52, मध्य प्रदेश में 4, महाराष्ट्र में 63, ओडिशा में 2, पुदुचेरी में एक, पंजाब में 13, राजस्थान में 23, तमिलनाडु में 6, तेलंगाना में 21, चंडीगढ़ में 5, जम्म-कश्मीर में 4, लद्दाख में 13, उत्तर प्रदेश में 25, उत्तराखंड में 4 और पश्चिम बंगाल में 3 केस आए हैं। इनमें से 28 लोग ठीक हो चुके हैं।