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ट्रक माफियाओं के साथ सांठगांठ रखने वाले और उनसे रुपयों की वसूली करने वाले 13 अफसर समेत पटना ट्रैफिक के कुल 45 पुलिसकर्मियों के उपर एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी हो गया है। यह आदेश पटना के ट्रैफिक एसपी अमरकेश दारपीनेनी की तरफ से दिया गया है। असल में ट्रैफिक एसपी ने खुद एक बड़ा खेल पकड़ा है। जिसमें 45 पुलिसकर्मी पूरी तरह से लिप्त पाए गए।
सोमवार को सबसे पहले ट्रैफिक एसपी ने इन सभी को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद इनके उपर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। ट्रैफिक एसपी की सख्ती और उनके तरफ से किए गए इस कार्रवाई की बात सामने आने के बाद से पुलिस महकमे में ही हड़कंप मच गया है। आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ डिपार्टमेंटल कार्रवाई भी की जाएगी।
इन पर हो रही है कार्रवाई
जिन 45 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है, उनमें 6 सब इंस्पेक्टर, 7 ASI और 32 सिपाही शामिल हैं। इनमें 2 सब इंस्पेक्टर, 2 ASI और 2 सिपाही जिरो माइल ट्रैफिक थाना में पोस्टेड हैं। इन सभी की ड्यूटी 8-8 घंटे के तीन शिफ्टों में लगी हुई थी। पुलिस सोर्स के अनुसार पिछले दो महीने से ये सभी बड़ा गेम खेल रहे थे। ट्रक माफियाओं के साथ इनका बड़ा सांठगांठ था।
प्रति ट्रक 500 रुपए की हो रही थी वसूली
दरअसल, 2018 में ही गांधी सेतु की खराब हालात हो लेकर 6 चक्का ट्रक और उन पर लोड छड़, सीमेंट और बालू जैसे भवन निर्माण से जुड़ी सामानों के ले जाने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई थी। बावजूद इसके इन सामानों को ढ़ोने वाले ट्रक मालिकों के साथ ट्रैफिक पुलिस के अफसरों और सिपाहियों ने सांठगांठ की। आरोप है कि प्रति ट्रक 500 रुपए वसूल किए जाते थे और हर दिन 100 से 150 ट्रकों को गांधी सेतु पार कराया जाता था।
पिछले दो महीने से ये खेल हर दिन चल रहा था। इससे जुड़े कुछ वीडियो फुटेज भी पटना पुलिस के 100 डायल के पास हैं। जैसे ही इस बात की जानकारी ट्रैफिक एसपी अमरकेश दारपीनेनी को हुई, उसके बाद से उन्होंने एक स्पेशल टीम बनाई और पूरी जांच कराई। जांच में रिपोर्ट आने के बाद सोमवार को उन्होंने पूरी कार्रवाई कर दी। आरोपी पुलिस अफसर और सिपाहियों की तैनाती बाइपास से लेकर गांधी सेतू के पाया नंबर 46 तक थी। इस कारण इनके खिलाफ पटना के आलमगंज या अगमकुआं थाना में एफआईआर दर्ज किया जाएगा।