बिहार में सरकारी स्कूल के शिक्षक भूखम’री के कगार पर पहुँच गए हैं । उन्हे पिछले 10 महिने से वेतन नहीं मिला है । ये सभी शिक्षक पंचम चरण के शिक्षक नियोजन के तहत नियोजित हुए थे । अब हालत ये है कि इन्हे भूखे रहना पड़ रहा है ।
जिला परिषद, पटना के अंतर्गत कार्यरत माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों को राज्य सरकार के निर्देश तथा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के आदेश व आवंटन के बावजूद पिछले 10 महीनों से वेतन नहीं मिलने पर पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ ने गहरा रो’ष व्यक्त करते हुए दो’षी पदाधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई की मांग की है। पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव सह जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के महासचिव चंद्र किशोर कुमार ने आज इस संबंध में शिक्षा विभाग के मंत्री और अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है।
उन्होंने कहा कि पांचवें चरण के शिक्षक नियोजन के तहत पटना जिला के जिला परिषद अंतर्गत माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 150 शिक्षकों का नियोजन हुआ था और ये सभी शिक्षक अगस्त 2019 से ही अपने विद्यालयों में लगातार कार्य कर रहे हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना के द्वारा सितंबर माह में पत्र जारी कर सभी संबंधित प्रधानाध्यापकों व प्राचार्यों को निर्देश दिया था कि ऐसे सभी नवनियुक्त शिक्षकों का शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित संस्थान व कार्यालयों से अपने स्तर से कराई जाए। जिसका अनुपालन करते हुए सभी विद्यालय प्रधानो ने जांच हेतु संबंधित कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को पत्र प्रेषित किया। अधिकांश शिक्षकों का जांच प्रतिवेदन प्राप्त भी हो गया और इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को भी उपलब्ध करा दी गई।
उन्होंने कहा कि इस बीच कोरोना वैश्विक महामारी और लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने माह अप्रैल में पत्र जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावी लॉक डाउन के मद्देनजर पंचम चरण के अंतर्गत नियुक्त सभी शिक्षकों को सशर्त अप्रैल माह तक का वेतन अविलंब भुगतान की जाए। चाहे उनका शैक्षणिक प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच हुई हो या नहीं।
माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता ने कहा कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने ऐसे सभी शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु अप्रैल माह में ही सभी संबंधित प्रधानाध्यापकों से मास्टर डाटा फॉर्म सहित अन्य कागजातों की मांग भी कर ली गई। लेकिन विभागीय आदेश के दो माह बीत जाने के बावजूद भी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा ऐसे तमाम शिक्षकों का वेतन अब तक जारी नहीं किया गया है। जिससे इन शिक्षकों तथा उनके परिवारों को गहरी आर्थिक सं’कट से गुजरना पड़ रहा है।