बिहार में लॉकडाउन के बीच स्कूली बच्चों के अभिभावकों के लिए राहत की खबर है। बिहार की शिक्षा विभाग ने आदेश किया है कि अभिभावकों को लॉकडाउन की अवधि में प्राइवेट स्कूल की फीस का भुगतान नहीं करना होगा। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के दौरान लगातार इस तरह की मांग की जा रही थी। सरकार के इस निर्णय के आलोक में प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि मार्च और अप्रैल महीने की स्कूल फीस और ट्रांसपोर्टेशन शुल्क अभिभावकों को नहीं जमा करना होगा। सरकार के इस निर्णय के बाद अभिभावकों ने थोड़ी राहत की सांस ली है।
लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों की पढ़ाई का हो रहा है। पिछले सत्र की परीक्षा के दौरान ही लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हो गए। अब नए सत्र के मद्देनजर हालात से निबटने के लिए ज्यादातर स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई तो शुरू कर दी लेकिन किताबों की कमी आड़े आने लगी। बच्चों को किताबें मिले तो वे लॉकडाउन के ट्रोमा से बाहर निकल सकते हैं। इसके लिए अब प्रशासन-स्कूल-परिजन सब तैयार हैं।
पटना के डीएम कुमार रवि किताबों की होम डिलीवरी के लिए आदेश भी जारी कर दिया है। लेकिन, मुश्किल यह कि होम डिलवरी वाले सामानों की लिस्ट में किताबें हैं ही नहीं। स्कूलों ने वाहन पास के लिए सदर एसडीओ कार्यालय से संपर्क भी साधा है। लेकिन किताबों के परिवहन के लिए पास चाहिए। वाहन पास लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था है। लेकिन, ऑनलाइन में आवश्यक सेवाओं की जो सूची है, उसमें किताब नहीं है।